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सिद्धांत राज, मुंगेर: बिहार सरकार अपनी बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर लाख दावे कर ले, लेकिन उनके ही नुमाइंदे सिस्टम की वाट लगाने में लगे हुए हैं. कुछ ऐसा ही मामला मुंगेर से सामने आया है, जहां एक बार फिर शिक्षा विभाग ने ऐसे कर्मी को विद्यालय का कमान सौंपा है जिनको जनवरी, फरवरी सितंबर, नवंबर की स्पेलिंग तक नहीं आता है और ऐसे शिक्षक सरकार से सालाना लाखों रुपए वेतन के तौर पर ले रहे हैं. आश्चर्य यह है कि जब विद्यालय के प्राचार्य और शिक्षकों की यह स्थिति है तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा यह बड़ा सवाल है.
प्रिंसिपल को नहीं है बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने का ज्ञान
दरअसल, लोकल 18 की टीम को एक विद्यालय में अनियमितता की सूचना लगातार मिल रही थी. जिसके बाद इसकी जमीनी हकीकत जानने टीम विद्यालय पहुंची. उसके बाद जो सामने आया वो हैरान करने वाला था. जी हां यह मामला मुंगेर जिला अंतर्गत आने वाले असरगंज प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय धुरिया की है. इस विद्यालय के प्रिंसिपल रूबी कुमारी को बच्चों पढ़ाने के लिए को प्राथमिक ज्ञान तक नहीं है.
प्रिंसिपल मैडम को नहीं पता जनवरी और फरवरी का स्पेलिंग
प्रिंसिपल रूबी कुमारी के शिक्षा की जांचने की बारी आई तो उन्होंने बच्चों के सामने अपनी बेइज्जती को छिपाने के लिए लोकल 18 की टीम में ऑफिस में जाने को कहा और वहीं पर प्रश्न उत्तर करने की बात कहीं. जहां उनसे ऑन कैमरा पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इंटर तक पढ़ी है. जब उनसे जनवरी और फ़रवरी का स्पेलिंग पूछा गया तो नहीं बता पाई.
इसी प्रकार सितंबर, नवंबर, वर्ण माला में कितने अक्षर हैं वह भी गलत बताया. यह सोचनीय विषय है कि सरकारी विद्यालय के प्रिंसिपल की यह स्थिति है तो बच्चे के कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार भी जानकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की बात यदि सामने आई है तो वह बिल्कुल अशोभनीय है. उन्होंने खुद विद्यालय जाकर सारे मुद्दे पर जांच करने की बात कही. जांच में यदि सही पाया गया तो प्रिंसिपल पर सख्त कारवाई होगी.
बच्चे स्कूल से हो जाते हैं फरार
बता दें कि जब विद्यालय की रिपोर्टिंग के लिए प्रवेश किया गया तो एक क्लास रूम में चार कक्षा के बच्चों को शिक्षक पढ़ा रहे थे. वहीं दूसरे रूम में चार कक्षा के बच्चों की क्लास प्रिंसिपल रूबी कुमारी खुद ले रही थी. क्लास रूम का नजारा यह था कि कुछ बच्चे बेंच पर तो कुछ नीचे दरी पर बैठकर पढ़ रहे थे और प्रिंसिपल के हाथ में छड़ी थी और वो प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ग के बच्चों को डरा-डराकर पढ़ा रही थी.
प्रिंसिपल का कहना था बच्चे आधे क्लास से भाग जाते हैं. लेकिन सरकारी नियम के अनुसार सुबह की पहली घंटी से पहले स्कूल के मुख्य दरवाजे को बंद कर देना है, लेकिन पूरे दिन विद्यालय का दरवाजा खुला और बच्चे अपने मन से स्कूल में किसी भी वक्त आ जा रहे हैं. वहीं जब इन सब विषयों में प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने ग्रामीणों की दबंगता और अपनी मजबूरी बता कर सारे आरोपों से बचती नजर आई.
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Tags: Bihar News, Bihar Teacher, Local18, Munger news
FIRST PUBLISHED : July 23, 2023, 10:40 IST
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