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झारखंड के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण शुक्रवार को बिहार के कई जिलों में भारी और बहुत भारी बारिश हुई। राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और अगले दो दिनों तक ऐसा ही रहने की उम्मीद है. बारिश से किसानों, खासकर धान की खेती करने वालों को राहत मिली है, क्योंकि इससे फसल की वृद्धि और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
शुक्रवार को राज्य में सबसे अधिक बारिश सबौर में 225 मिमी दर्ज की गई, जबकि जमुई, भागलपुर और बांका जैसे अन्य जिलों में भी 100 मिमी से अधिक बारिश हुई।
शनिवार को पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढी और गोपालगंज समेत कई जिलों में बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि मुधबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में भारी बारिश हो सकती है. लोगों को संभावित बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी देने के लिए इन जिलों में पीला अलर्ट जारी किया गया है।
भारत मौसम विज्ञान केंद्र (आईएमडी) ने भी लोगों से गरज और बिजली गिरने से सावधान रहने की अपील की है, जो राज्य में कहीं भी हो सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे बारिश के दौरान खेतों में या पेड़ों के नीचे न खड़े हों और घर के अंदर ही रहें।
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) के उप परियोजना निदेशक वृजेंद्र मणि ने बताया कि यह बारिश धान की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है और रबी की बुआई में काफी मददगार होगी. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी बारिश से खेतों में नमी बढ़ेगी, जो फसलों को कीटों से बचाने में काफी मददगार साबित होगी.
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