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कुंदन कुमार/गया. बिहार के मगध क्षेत्र के रहने वाले एक छात्र का सेलेक्शन अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ हयूस्टन में हुआ है. उसे वहां पीएचडी शोध के लिए 1.75 करोड़ रुपया का फेलोशिप दिया जाएगा. अरवल जिले के बिथरा गांव के रहने वाले आलोक कुमार ने गया के मगध सुपर 30 से इंजीनियरिंग की तैयारी करने के बाद राजीव गांधी इंस्टीट्यूट आफ पैट्रोलियम टेक्नोलॉजी से बीटेक किया है. बीटेक के दौरान आलोक ने कई शोध किए. इस कारण अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ हयूस्टन ने उनका चयन शोध के लिए किया है.
आलोक की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि अपनी पीएचडी की पढ़ाई के दौरान उन्हें लगभग 2.50 लाख रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) के साथ प्रेसिडेंशियल फेलोशिप और फ्री ट्यूशन का लाभ भी मिलेगा. इसके अलावा, उन्हें बीटेक के बाद सीधा पीएचडी करने का मौका मिल रहा है. आम तौर पर एमटेक या एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद पीएचडी किया जाता है, लेकिन बीटेक में अच्छे रिजल्ट और उनके द्वारा किए गए कई शोध कार्य के कारण उनका चयन पीएचडी के लिए हुआ है.
आलोक के पिता रणधीर कुमार खेती-किसानी करते हैं. जबकि माता आंगनवाड़ी सेविका के रूप में कार्यरत हैं. अरवल जिले के एक छोटे से गांव से निकल कर अमेरिका तक के सफर में आलोक को काफी आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ा. शुरुआती पढ़ाई जहानाबाद से करने के बाद इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए आलोक ने मगध सुपर 30 के लिए अप्लाई किया था. इसमें उनका चयन हो गया. मगध सुपर 30 में उन्होंने नि:शुल्क इंजीनियरिंग की तैयारी की और उसके बाद बीटेक में राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी में एडमिशन हो गया.
बीटेक के बाद सीधे पीएचडी का ऑफर
न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत में आलोक कुमार ने बताया कि बीटेक की पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई रिसर्च कार्य किया था जिसमें उनका बेहतरीन परफॉर्मेंस रहा था. उन्होंने बताया कि पीएचडी मे चयन होने के लिए किसी भी यूनिवर्सिटी के द्वारा उनका प्रोफाइल देखा जाता है. अच्छे परफॉर्मेंस और पढ़ाई के दौरान किए गए कई शोध के कारण अमेरिका के कई यूनिवर्सिटीज़ से उन्हें ऑफर आया, लेकिन उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ हयूस्टन का ऑफर एक्सेप्ट किया.
आलोक को शोध के दौरान वहां सालाना 1.75 करोड़ रुपये का फेलोशिप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बीटेक के बाद सीधे पीएचडी के लिए उन्हें ऑफर मिला है. अगर बीटेक के दौरान रिसर्च बैकग्राउंड अच्छा होता है तो शोध करने के लिए पीएचडी के लिए यूनिवर्सिटी से ऑफर मिल जाता है.
पिता ने कह दी बड़ी बात
आलोक के पिता रणधीर कुमार ने बताया कि बेटे की इस उपलब्धि पर काफी खुशी हो रही है. उम्मीद थी कि यह कुछ करेगा. आलोक की पढ़ाई के दौरान आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ा. कर्ज लेकर बेटे को पढ़ाया है. अब चाहते हैं कि हमारा बेटा कुछ बन जाए और कर्ज को चुकाए. साथ ही, आने वाले दिनों में वो गरीब बच्चों को पढ़ाई में मदद करे, ताकि वो भी एक दिन अमेरिका जा सकें और देश और समाज का नाम रोशन करें.
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Tags: Bihar News in hindi, Education news, Gaya news, Local18, Research
FIRST PUBLISHED : July 11, 2023, 07:48 IST
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