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इस बैठक में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति चुनावी रणनीति और पैसले लेगी। बता दें कि आमतौर पर ये बैठक चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद आयोजित की जाती है। मगर इस बार लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद चुनाव समिति की बैठक आयोजित करने का फैसला किया गया है।
देश में इस वर्ष के अंत में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। वहीं अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने वाले है। इन चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में चुनावी तैयारियों को लेकर चर्चा होगी। ये बैठक बेहद अहम है क्योंकि इसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा केंद्रीय चुनाव समिति के नेता भी उपस्थित होंगे।
इस बैठक में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति चुनावी रणनीति और पैसले लेगी। बता दें कि आमतौर पर ये बैठक चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद आयोजित की जाती है। मगर इस बार लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद चुनाव समिति की बैठक आयोजित करने का फैसला किया गया है। यानी बीजेपी पहले से ही चुनावी तैयारियां करने के मूड में है।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार है और दोनों ही राज्यों में इस वर्ष के अंत तक चुनाव होने है। वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस कड़ी टक्कर भाजपा को दे सकती है, जिसे देखते हुए भाजपा कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है। कर्नाटक में मिली हार के बाद पार्टी पहले से ही तैयार हो गई है और किसी तरह का जोखिम उठाने से बच रही है।
कांग्रेस का तोड़ खोज रही पार्टियां
इस बैठक में पार्टी मंथन कर सकती है कि कांग्रेस पार्टी जो भी चुनावी वादे करेगी उसका तोड़ कैसे निकाला जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनावों में जो वादे किए थे उन पर भी मंथन हो सकता है। ऐसे में बीजेपी इस बैठक में उन वादों का तोड़ निकालने की कोशिश करेगी। बीजेपी का उन सीटों पर भी मंथन होगा जहां पार्टी की पैठ मजबूत नहीं है।
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