सभी प्रखंड मुख्यालयों में हुआ आक्रोश प्रदर्शन, हेमंत सरकार के खिलाफ दिखा गुस्सा
पाकुड़। झारखंड में गिरती कानून व्यवस्था, आकंठ भ्रष्टाचार और सरकारी योजनाओं की विफलता के खिलाफ आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा पाकुड़ जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों में एक साथ आक्रोश प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने किया। सैकड़ों कार्यकर्ता पाकुड़ रेलवे स्टेशन से पदयात्रा करते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंचे और वहां हेमंत सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
पदयात्रा के जरिए जनता के दर्द को पहुंचाया गया प्रशासन तक
प्रदर्शन के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त, पाकुड़ के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी ने प्राप्त किया। इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार की विफलताओं और आम जनता की पीड़ाओं को प्रशासन तक पहुंचाया गया।
जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय का तीखा प्रहार: “राज्य में फैला है अराजकता का माहौल”
भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि –
“पूरा झारखंड आज ध्वस्त कानून व्यवस्था, बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और जनता की उपेक्षा से कराह रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल की तरह इस बार भी केवल घोषणाएं कीं, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ। खनिज संसाधनों की लूट, सचिवालय से पंचायत तक फैले भ्रष्टाचार और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
महिलाओं की सुरक्षा से लेकर शिक्षा-स्वास्थ्य तक हर मोर्चे पर विफलता
ज्ञापन में कहा गया है कि –
- राज्य में हत्या, लूट, बलात्कार आम बात हो गई है।
- महिलाएं और बच्चियां घर से बाहर निकलने से डरती हैं।
- विद्यालयों में शिक्षक नहीं, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, दवाई और ऑक्सीजन का घोर अभाव है।
- आयुष्मान योजना लगभग बंद हो चुकी है, गरीब अस्पतालों से वापस लौट रहे हैं।
- पेंशन योजनाएं जैसे वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन महीनों से बंद हैं।
बिना दलालों के सरकारी योजनाओं का लाभ लेना असंभव: भाजपा
ज्ञापन में कहा गया कि–
आज के हालात ऐसे हो गए हैं कि चाहे जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना हो या जमीन का म्यूटेशन, बिना दलालों को पैसे दिए कोई काम नहीं होता।
सड़क, बिजली, पानी, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्य भ्रष्टाचार के कारण ठप हो गए हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों में खानापूर्ति की जा रही है, पोषण की गुणवत्ता नगण्य है।
नगर निकाय चुनाव में देरी से बढ़ी जनता की परेशानी
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि –
नगर निकाय चुनाव नहीं होने के कारण शहरी क्षेत्रों में जन प्रतिनिधियों का अभाव है, जिससे जन समस्याएं अनसुनी रह जा रही हैं। अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, जनता कहीं सुनवाई नहीं पा रही।
किसानों से किया गया वादा टूटा, नहीं मिला धान का भुगतान
किसानों के मुद्दों को भी गंभीरता से उठाते हुए भाजपा ने कहा कि –
- धान की खरीदारी में किसानों को ठगा गया।
- वादे से कम दाम पर खरीद हुई, और अब तक बकाया भुगतान नहीं हुआ।
- खाद और बीज की काला बाजारी चरम पर है, खेती का समय आ गया, लेकिन सरकार मौन है।
भ्रष्टाचार मुक्त प्रमाण पत्र प्रक्रिया की मांग
भाजपा ने यह मांग की कि –
- प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया को दलाल मुक्त किया जाए।
- तय समय सीमा के भीतर प्रमाण पत्र निर्गत किए जाएं।
- राशन कार्ड, पेंशन, प्रधानमंत्री आवास, आंगनबाड़ी, सभी योजनाओं को पारदर्शी बनाया जाए।
आक्रोशित भाजपा ने सरकार को चेताया: अब नहीं करेंगे बर्दाश्त
भाजपा ने स्पष्ट रूप से कहा कि –
“एक मजबूत विपक्ष के नाते भाजपा अब राज्य की दुर्दशा को चुपचाप नहीं देखेगी।”
पार्टी ने विधानसभा से लेकर सड़क तक लगातार जनभावनाओं को उठाया है और अब यह आक्रोश प्रदर्शन सरकार के लिए चेतावनी है कि वो अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव लाए।
भाजपा की प्रमुख मांगे – जनहित के सवालों पर जोर
भाजपा ने ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखीं:
- विधि व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- अपराध वाले थाना क्षेत्रों में थानेदार को जिम्मेदार ठहराया जाए।
- धान क्रय का बकाया भुगतान अविलंब किया जाए।
- खाद-बीज की आपूर्ति बिना कालाबाजारी के सुनिश्चित हो।
- प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाए।
- पेसा नियमावली अधिसूचित क्षेत्रों में लागू की जाए।
- आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषक सामग्री की समुचित आपूर्ति हो।
- पेंशन योजनाओं का बकाया भुगतान शीघ्र किया जाए।
- शिक्षकों और चिकित्सकों की भर्ती तुरंत की जाए।
- +2 विद्यालयों में भाषावार शिक्षक, और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
- अस्पतालों में दवाई, ऑक्सीजन, एम्बुलेंस और टीकाकरण की व्यवस्था की जाए।
- 10-बेड वाले ग्रामीण अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ा जाए।
- जर्जर सड़कों और भवनों की मरम्मत तुरंत कराई जाए।
- बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर निकाला जाए।
प्रमुख नेता और कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी
इस आंदोलन में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रमुख रूप से उपस्थित थे:
पूर्व प्रदेश मंत्री शर्मिला रजक,
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनुग्रहित प्रसाद साह,
जिला महामंत्री रूपेश भगत,
जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी,
मंडल अध्यक्ष सुशांत घोष,
मनोरंजन सरकार, सोहन मंडल,
महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सम्पा साहा,
महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शबरी पाल,
पवन भगत, रतन भगत, शंभू घोष,
बबलू मरांडी, सेंटू महतो,
मधु राजवंशी, सुमन महतो,
श्यामल साहा, लव रजक,
जीतू सिंह, दुलाल,
तुलसी बर्धन, चंदना कर्मकार,
पार्वती देवी, और प्राची चौधरी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सरकार के खिलाफ जनता की आवाज बुलंद
यह आक्रोश प्रदर्शन न सिर्फ एक राजनीतिक आंदोलन था, बल्कि जनभावनाओं का सशक्त प्रतिनिधित्व भी था। भाजपा ने हेमंत सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि यदि सरकार ने जल्द ही आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।