Monday, March 3, 2025
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थैलेसीमिया से जूझ रही मासूम की बची जान, ब्लड बैंक कर्मचारी ने किया रक्तदान

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पाकुड़, 1 मार्च 2025: थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही 8 वर्षीय मासूम रेहाना खातून के लिए रक्तदान कर ब्लड बैंक कर्मचारी ने मानवता की मिसाल पेश की। सदर अस्पताल, पाकुड़ में भर्ती इस बच्ची को जब ओ पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता पड़ी, तो परिवार काफी प्रयासों के बावजूद ब्लड की व्यवस्था नहीं कर पाया।

रक्त की कमी से जूझ रही थी मासूम

मोहनपुर की रहने वाली रेहाना खातून थैलेसीमिया से पीड़ित है, जिसे समय-समय पर रक्त की आवश्यकता पड़ती है। अस्पताल में डॉक्टरों ने जब परिजनों को तुरंत रक्त चढ़ाने की सलाह दी, तो उन्होंने हरसंभव प्रयास किया लेकिन कहीं से भी रक्त उपलब्ध नहीं हो सका।

ब्लड बैंक कर्मचारी ने बढ़ाया मदद का हाथ

परिवार की परेशानी को देखकर ब्लड बैंक के कर्मचारी नवीन कुमार आगे आए और बिना किसी संकोच के स्वयं रक्तदान किया। उनकी इस पहल से बच्ची का इलाज संभव हो पाया और उसकी स्थिति में सुधार आने लगा।

रक्तदान करके महसूस की खुशी

रक्तदान करने के बाद नवीन कुमार ने कहा कि उन्होंने मानवता के नाते यह कदम उठाया और रक्तदान करके उन्हें अत्यंत खुशी महसूस हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आगे भी जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करते रहेंगे और लोगों को भी इस नेक कार्य के लिए प्रेरित करेंगे।

संस्थाओं के कार्यों की सराहना

नवीन कुमार ने कहा कि पाकुड़ जिले की तमाम सामाजिक संस्थाएं निस्वार्थ भाव से रक्तदान कर जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं। उन्होंने सभी रक्तदाताओं और संगठनों को तहे दिल से धन्यवाद दिया, जो इस तरह के सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

मौके पर मौजूद रहे सहयोगी

इस रक्तदान अभियान के दौरान कर्मचारी पियूष दास सहित कई अन्य लोग भी उपस्थित रहे। सभी ने नवीन कुमार की इस पहल की सराहना की और अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने की अपील की।

रक्तदान: एक महादान

रक्तदान को महादान कहा जाता है, क्योंकि यह किसी की जान बचाने का सबसे आसान और महत्वपूर्ण तरीका है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सामाजिक सेवा और मानवता के प्रति जागरूकता ही एक सभ्य समाज की पहचान होती है।

नवीन कुमार की इस पहल से न केवल रेहाना खातून की जान बची, बल्कि उन्होंने समाज के सामने एक प्रेरणादायक उदाहरण भी पेश किया।

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