बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW) ने शुक्रवार को 17 राज्यों के 56 बहादुर बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा। संगठन ने एक बयान में कहा कि 2020 के लिए 22 पुरस्कार विजेताओं को, 2021 के लिए 16 पुरस्कार विजेताओं और 2022 के लिए 18 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया।
ICCW के छह अन्य विशेष पुरस्कारों में ICCW मार्कंडेय पुरस्कार, ICCW प्रहलाद पुरस्कार, ICCW एकलव्य पुरस्कार, ICCW अभिमन्यु पुरस्कार, ICCW श्रवण पुरस्कार, ICCW ध्रुव पुरस्कार शामिल हैं। 18 वर्षीय मोहित चंद्र उप्रेती को मार्कंडेय पुरस्कार 2020 दिया गया। उप्रेती ने एक तेंदुए से लड़कर अपने दोस्त की जान बचाई थी। छत्तीसगढ़ के 16 वर्षीय अमन ज्योति जाहिरे ने एक व्यक्ति को डूबने से बचाया था, अब वह भी सम्मानित हुए। ऐसे ही देशभर से कुल 56 चिन्हित बच्चों को वीरता पुरस्कार दिया गया।
1957 में पहले प्रधान मंत्री ने दो बच्चों को पुरस्कृत किया गया था
ICCW ने ‘वीरता पुरस्कार’ बहादुर बच्चों को उचित पहचान देने के लिए शुरू किया था। 1957 में दो बच्चों को भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी साहस के लिए पुरस्कृत किया गया था। इसके बाद से ICCW हर साल बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले बच्चों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है। बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ICCW ने 17 राज्यों के 56 बहादुर बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा। 1957 में दो बच्चों को भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी साहस के लिए पुरस्कृत किया गया था।