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यूनाइटेड किंगडम में वकील देश में शरण लेने के लिए ‘अवैध’ भारतीय प्रवासियों को खालिस्तान समर्थक के रूप में पेश करने के लिए ‘प्रशिक्षित’ कर रहे हैं। यूके प्राधिकरण द्वारा निगरानी की जाने वाली लगभग 40 कानूनी फर्में ऐसे संदिग्ध कार्यों को अंजाम देने के रडार पर आ गई हैं।
ब्रिटेन में रहने का अधिकार पाने के लिए अजीबोगरीब कहानी गढ़ी जा रही है। कुछ लोग खुद को भारत में प्रताड़ित दिखा कर यहां शरण चाहते हैं। इन लोगों के वकील एक पूरी कहानी गढ़ देते हैं। यूनाइटेड किंगडम में वकील देश में शरण लेने के लिए ‘अवैध’ भारतीय प्रवासियों को खालिस्तान समर्थक के रूप में पेश करने के लिए ‘प्रशिक्षित’ कर रहे हैं। यूके प्राधिकरण द्वारा निगरानी की जाने वाली लगभग 40 कानूनी फर्में ऐसे संदिग्ध कार्यों को अंजाम देने के रडार पर आ गई हैं। यह घटना तब सामने आई है जब डेली मेल के एक पत्रकार ने अंडरकवर एजेंट के रूप में कई कानूनी फर्मों का दौरा किया और खुद को एक अवैध भारतीय प्रवासी के रूप में प्रस्तुत किया, जो काम की तलाश में हाल ही में ब्रिटेन आया है।
फर्मों की ओर से सबसे अधिक सुझाव यह था कि वो व्यक्ति खुद को पंजाब का किसान बताए जो खालिस्तान आंदोलन का समर्थक है। रिपोर्ट के मुताबिक, 5,500 पाउंड चार्ज करने वाले एक वकील ने उन्हें सुझाव दिया कि वह कहें कि उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था और बाद में किसी ने उन्हें खालिस्तान अलगाववादी अमृतपाल सिंह गुट में शामिल होने के लिए कहा। आख़िरकार उन्हें बताना ही होगा कि इन घटनाओं के बाद उनकी जान को भारतीय सुरक्षा से ख़तरा हो गया है। 10,000 पाउंड का शुल्क लेने वाले एक अन्य वकील ने सुझाव दिया कि केस जीतने के लिए उन्हें खुद को खालिस्तानी समर्थक के रूप में प्रस्तुत करना होगा, भले ही ऐसा करना जरूरी नहीं है।
पीएम सुनक ने सख्त कार्रवाई का दिया आदेश
यूके के पीएम ऋषि सुनक ने ट्विटर पर कहा कि हम इसी के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेबर पार्टी, वकीलों, आपराधिक गिरोहों का एक उपसमूह है। वे सभी एक ही पक्ष में हैं, शोषण की एक ऐसी प्रणाली को बढ़ावा दे रहे हैं जो लोगों को अवैध रूप से यूके में लाने से लाभ कमाती है। मेरे पास इसे रोकने की एक योजना है। प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और चांसलर एलेक्स चॉक ने कहा कि ऐसे कानूनी फर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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