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गुलशन सिंह/बक्सर. मेहनत और लगन के साथ परीक्षा की तैयारी की जाए तो सफलता आपके कदमों में होती है. इसी को सच कर दिखाया है जिला के छोटे से कस्बे के एक होनहार छात्र ने. चौसा प्रखंड के गोसाईपुर गांव के समीर कुमार ने यूजीसी की ओर से आयोजित की जाने वाली नेट-जेआरएफ की परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर 96 प्रतिशत अंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है. वहीं समीर की इस सफलता से उनके घर पर परिवार और गांव में जश्न का माहौल है. समीर को लोग फोन पर भी बधाइयां दे रहे हैं.
समीर ने यूजीसी-जेआरएफ विधि की परीक्षा में सामान्य कोटे से सफलता हासिल कर युवाओं के लिए मिसाल पेश की है. इस सफलता के पीछे समीर की खुद की मेहनत है. समीर की इस सफलता से परिवार सहित चाहने वाले लोग काफी खुश हैं. समीर चौसा प्रखंड के गोसाईपुर के रहनेवाले विंध्याचल चौबे का बेटा हैं. तीन भाइयों में सबसे छोटे समीर की प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हुई है. समीर के बड़े भाई व शिक्षक प्रमोद कुमार चौबे ने बताया कि समीर बचपन से मेधावी छात्र रहा है. क्लास 8 तक की पढ़ाई गांव से पूरी करने के बाद समीर बक्सर आ गए. फिर यहां के हाई स्कूल से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा पास की. इसके बाद बनारस चले गए. वहीं, रहकर बीएचयू से उन्होंने बीए व एलएलबी किया. फिलहाल समीर बीएचयू से ही एलएलएम कर रहे हैं. 2022 में आयोजित सीयूईटी में समीर को ऑल इंडिया में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था.
सफलता के लिए मेहनत जरूरी
समीर चौबे ने बताया कि जेआरएफ का फुल फॉर्म जूनियर रिसर्च फेलोशिप है. इस परीक्षा में चयनित होने के बाद किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी या इसके अंतर्गत आनेवाले शैक्षणिक संस्थानों से रिसर्च पीएचडी कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि सफलता का कोई शार्टकट तरीका नहीं होता है. जीवन में सफल होने के लिए मेहनत करनी होगी. उन्होंने बताया कि व्यक्ति जो ठान ले, उसे पाना मुश्किल नहीं होता है. ऐसे हर विद्यार्थी को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : July 28, 2023, 08:44 IST
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