पाकुड़। सोनाजोरी सदर अस्पताल में इलाजरत गुमानी की 10 वर्षीय थैलेसीमिया पीड़िता सुल्ताना खातून और 24 वर्षीय गर्भवती रोहिमा खातून, जिन्हें रक्त की कमी के कारण इलाज में समस्या हो रही थी, को इंसानियत फाउंडेशन के सक्रिय सदस्यों की मदद से जीवनदान मिला।
सुल्ताना खातून को ए पॉजिटिव और रोहिमा खातून को बी पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता थी, लेकिन उनके परिजन रक्तदाता खोजने में असमर्थ रहे। डॉक्टरों ने रक्त चढ़ाने की सलाह दी थी, लेकिन रक्त की अनुपलब्धता के कारण दोनों मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा था।
इस संकट के समय, इंसानियत फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य राफेज शेख और अलाउद्दीन शेख ने तुरंत हस्तक्षेप किया और रक्तदाताओं को ढूंढने का प्रयास किया। मानारुल शेख, जो बी पॉजिटिव हैं, ने गर्भवती महिला रोहिमा खातून के लिए रक्तदान किया, जबकि नसीपुर के तौफीक शेख और गुमानी के आफताब आलम ने ओ पॉजिटिव रक्तदान कर सुल्ताना खातून की मदद की।
आफताब आलम का यह दसवां रक्तदान था, जो इंसानियत फाउंडेशन के कार्यों में उनकी सक्रियता और समर्पण को दर्शाता है। रक्तदान के बाद मरीजों के परिजनों ने इंसानियत फाउंडेशन और सभी रक्तदाताओं का तहे दिल से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इनकी मदद से उनके मरीजों की जान बचाई जा सकी।
रक्तदाताओं ने कहा कि किसी जरूरतमंद की मदद करना उनके लिए गर्व का विषय है, और भविष्य में भी वे ऐसे कार्यों के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। मौके पर मानारुल शेख, राफेज शेख, आफताब आलम, अलाउद्दीन शेख, रक्त अधिकोष के कर्मचारी नवीन कुमार और पियूष दास भी मौजूद रहे।
इंसानियत फाउंडेशन का यह कार्य एक बार फिर यह साबित करता है कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।