भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हुआ। इसके 23 अगस्त को लैंडर और रोवर के साथ नरम लैंडिंग के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की उम्मीद है।
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा पर प्रवेश की तैयारी करते हुए मंगलवार को अपनी पांचवीं और अंतिम कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी कर ली। अगला कदम पृथ्वी से चंद्रमा प्रक्षेप पथ पर स्थानांतरित करना है, जहां चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण अंततः इसे चंद्र कक्षा में खींच लेगा। अंतिम लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट करते हुए कहा कि पृथ्वी-बाउंड पेरिगी फायरिंग को ISTRAC/ISRO बेंगलुरु से सफलतापूर्वक किया गया है।अगली फायरिंग, ट्रांसलूनर इंजेक्शन (TLI), 1 अगस्त, 2023 को 12 बजे से 1 बजे IST के बीच करने की योजना है। स्पेसशिप के 127609 किमी x 236 किमी की कक्षा प्राप्त करने की उम्मीद है।
भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हुआ। इसके 23 अगस्त को लैंडर और रोवर के साथ नरम लैंडिंग के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की उम्मीद है। चंद्रयान 2 आखिरी समय में कुछ तकनीकि खामियों की वजह से मुकम्मल नहीं हो पाया। ऐसे में उन तमाम गलतियों ठीक किया गया है और उम्मीद यही की जा रही है कि इस बार सफलतापूर्वक चंद्रयान 3 चांद की सतह पर पहुंचकर वहां रिसर्च करने में कामयाब रहेगा।
कैसा रहा अब तक का सफर
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चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई को हुई।
15 जुलाई को ये पहली कक्षा में पहुंच गया।
दूसरी कक्षा तक ये 16 जुलाई को पहुंचा।
18 जुलाई को चंद्रयान 3 ने तीसरी कक्षा में प्रवेश किया।
चौथी कक्षा में प्रवेश करने की तारीख 20 जुलाई की रही।
25 जुलाई यानी आज के दिन पांचवी कक्षा में प्रवेश।