पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में बाल कल्याण योजना 2024 के तहत एक विशेष ओरिएंटेशन और दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में डालसा सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के लिए मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा इकाई (एलएसयूसी) के नवगठित सदस्यों को प्रशिक्षित करना और उन्हें बच्चों से संबंधित कानूनी पहलुओं की जानकारी प्रदान करना था।
दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिल्पा मुर्मू, सचिव अजय कुमार गुड़िया, और लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ सुबोध कुमार दफादार ने दीप प्रज्वलित कर की। यह परंपरा कार्यक्रम को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से भरने का प्रतीक बनी।
बच्चों के लिए मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाओं पर विशेष जानकारी
कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने बच्चों को मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाएं और नवगठित बाल कल्याण योजना 2024 के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने नवगठित कानूनी सेवा इकाई के सदस्यों को किशोर न्याय बोर्ड, बाल न्यायालय, बाल कल्याण समिति, डीसीपीओ, बाल गृहों, और बाल पुलिस की भूमिकाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बच्चों के पुनर्वास और परिवार आधारित देखभाल पर बल
न्यायिक अधिकारियों ने बच्चों के पुनर्वास की प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए बताया कि बच्चों के सर्वोत्तम हित को प्राथमिकता दी जाती है। बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड बच्चों की देखभाल और संरक्षण के लिए अहम निर्णय लेते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को परिवार आधारित देखभाल प्रदान करना उनकी प्राथमिक आवश्यकता है। यह पहल बच्चों को उनके अधिकारों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
बाल न्याय व्यवस्था में हितधारकों की भूमिका
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि बच्चों से संबंधित मामलों में विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों और देखभाल के योग्य बच्चों के मामलों में किस तरह से हितधारक जैसे बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, और अन्य एजेंसियां अपनी भूमिका निभाती हैं। बाल न्याय व्यवस्था के तहत बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करना और उनकी रक्षा करना सभी संबंधित संस्थानों की जिम्मेदारी है।
नवगठित कानूनी सेवा इकाई के सदस्यों की भागीदारी
इस अवसर पर नवगठित कानूनी सेवा इकाई के सभी सदस्य उपस्थित रहे। उन्हें प्रशिक्षण के दौरान बच्चों के हित में काम करने के लिए कानूनी जानकारी और मार्गदर्शन दिया गया। इस इकाई का उद्देश्य बच्चों को न्याय दिलाने और उनके अधिकारों की रक्षा में सहायता करना है।
बाल अधिकारों की रक्षा की ओर एक कदम
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम झालसा रांची और जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ की ओर से बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनके सर्वोत्तम हितों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल बच्चों के लिए न्याय प्रणाली को सुदृढ़ बनाया जा रहा है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया जा रहा है कि बच्चों का कल्याण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह पहल बच्चों के लिए सुरक्षित और मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाएं प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगी।