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ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ताइवान की अलगाववादी ताकतें आम करदाताओं का कितना पैसा खर्च करती हैं, अमेरिका कितने हथियार देता है, लेकिन इससे ताइवान समस्या को हल करने या हमारी मातृभूमि के एकीकरण को साकार करने का हमारा संकल्प नहीं डगमगाएगा।’’
ताइपे। चीन ने अमेरिका पर ताइवान को ‘हथियार डिपो’ में तब्दील करने का आरोप लगाया है।
उसने यह आरोप तब लगाया है, जब व्हाइट हाउस ने ताइपे के लिए 34.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की घोषणा की है और ताइवान ने रविवार को कहा कि उसने अपनी समुद्री तट पर चीन के छह नौसैनिक जहाजों का पीछा किया।
चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय ने शनिवार देर रात एक बयान जारी कर ताइवान को सैन्य सहायता दिए जाने का विरोध किया। चीन ताइवान पर अपना दावा जताता है।
ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ताइवान की अलगाववादी ताकतें आम करदाताओं का कितना पैसा खर्च करती हैं, अमेरिका कितने हथियार देता है, लेकिन इससे ताइवान समस्या को हल करने या हमारी मातृभूमि के एकीकरण को साकार करने का हमारा संकल्प नहीं डगमगाएगा।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘अमेरिका का कृत्य ताइवान को बारूद के ढेर और हथियार डिपो में बदल रहा है, जिससे ताइवान जलडमरूमध्य में युद्ध का खतरा बढ़ रहा है।’’
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने हाल के वर्षों में ताइवान के प्रति लक्षित सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं, जिसमें द्वीपीय देश को घेरने के लिए क्षेत्र में लड़ाकू विमान और युद्धपोत भेजना शामिल है।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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