उच्च न्यायालय रांची के निर्देश पर चला विशेष स्वच्छता अभियान
पाकुड़ व्यवहार न्यायालय परिसर में रविवार को एक दिवसीय विशेष स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन माननीय उच्च न्यायालय, रांची के निर्देशानुसार किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने की। इस स्वच्छता अभियान में न्यायालय के न्यायिक पदाधिकारियों, अधिकारियों, कर्मचारियों सहित अन्य लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।
न्यायिक परिसर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाना हमारी प्राथमिकता : प्रधान जिला न्यायाधीश
कार्यक्रम के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने बताया कि न्यायालय परिसर की दैनिक सफाई व्यवस्था का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। बरसात के दिनों में परिसर में काई जमने की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिससे निपटने के लिए नियमित रूप से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जाता है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अदालत आने वाले वादी-प्रतिवादी, अधिवक्ताओं और आमजन को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए नियमित निगरानी और साफ-सफाई व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इस कार्य में नाजिर कामेश्वर दास की भूमिका की उन्होंने विशेष सराहना की।
महिलाओं के लिए ऑटोमैटिक सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन की सुविधा
इस अवसर पर एक बड़ी पहल करते हुए उन्होंने बताया कि अब महिला वादी-प्रतिवादियों और अधिवक्ताओं के लिए शौचालय में ऑटोमैटिक सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई गई है। इस मशीन से महिलाएं सिर्फ ₹5 का सिक्का डालकर एक सेनेटरी पैड प्राप्त कर सकती हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जिन महिलाओं के पास तत्काल पैड खरीदने के लिए पैसा नहीं है, उनके लिए नि:शुल्क सेनेटरी पैड की भी एक अलग मशीन में व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, उपयोग किए गए पैड के सुरक्षित निपटान के लिए डिस्पोजल मशीन भी लगाई गई है।
दस्तावेजों की सुरक्षा और पेड़-पौधों की देखभाल भी प्राथमिकता में
न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने बताया कि न्यायालय के दस्तावेजों की उचित देखरेख, परिसर के कोने-कोने की सफाई, तथा पेड़ों की नियमित छंटाई भी न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बन चुकी है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय को इन सभी व्यवस्थाओं की रिपोर्ट नियमित रूप से भेजी जाती है।
वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति रही उल्लेखनीय
इस विशेष स्वच्छता अभियान में कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजीत चंद्र, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, डीएलएसए सचिव रूपा बंदना किरो, और अन्य न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।