Tuesday, November 26, 2024
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पचुवाड़ा कोल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की बैठक में गरमाई कोयला परिवहन विवाद

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पाकुड़ (अमड़ापाड़ा)। पचुवाड़ा कोल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने रविवार को अमड़ापाड़ा प्रखंड मुख्यालय स्थित आर एस पैलेस में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष रजक ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य डीबीएल कोल कंपनी द्वारा 1 अगस्त से 14 चक्का वाली सभी हाइवा गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर चर्चा करना था, जिसे एसोसिएशन ने न्यायसंगत नहीं माना।

बैठक की शुरुआत करते हुए अध्यक्ष संतोष रजक ने बताया कि डीबीएल कोल कंपनी ने सभी ट्रांसपोर्टरों को निर्देश दिया है कि केवल 100 गाड़ियाँ कोयला परिवहन में लगाई जाएंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने इस आदेश की आड़ में यूपी, बिहार और बंगाल से ट्रेलर गाड़ियाँ मंगा कर डायरेक्ट वर्क ऑर्डर देकर परिवहन का काम कर रही है। यह कदम स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के हितों के खिलाफ है और उनके रोजगार पर सीधा असर डाल रहा है।

स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की समस्याएँ

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अध्यक्ष संतोष रजक ने कहा, “हमारे पास कोई और व्यवसाय नहीं है, कोयले का परिवहन ही हमारी आजीविका का एकमात्र स्रोत है। कंपनी का यह निर्णय हमारे लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।” उन्होंने आगे कहा कि यदि कंपनी ने अपनी मनमानी जारी रखी, तो एसोसिएशन आंदोलन करने पर मजबूर होगी।

इस बैठक में सैकड़ों ट्रांसपोर्टर और गाड़ी मालिक शामिल हुए, जिन्होंने एक स्वर में इस निर्णय का विरोध किया और एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाने का संकल्प लिया। सभी उपस्थित ट्रांसपोर्टरों ने अपनी-अपनी समस्याओं को साझा किया और समाधान के लिए एसोसिएशन से समर्थन मांगा।

संभावित आंदोलन की तैयारी

बैठक के बाद एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि एक प्रतिनिधि मंडल डीबीएल कोल कंपनी के पास जाकर उनकी समस्याओं को रखेगा। संतोष रजक ने बताया, “हम कंपनी से अपील करेंगे कि वे इस निर्णय को वापस लें और स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के हितों का सम्मान करें। यदि हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन की पहली चरण में हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी माँगों को कंपनी के सामने रखेंगे। यदि इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता, तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

ट्रांसपोर्टरों की चिंताएँ

बैठक में शामिल एक ट्रांसपोर्टर ने कहा, “यह निर्णय न केवल हमारी आजीविका को खतरे में डाल रहा है, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। हम सभी ट्रांसपोर्टर इस फैसले के खिलाफ हैं और इसे बदलवाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

एक अन्य गाड़ी मालिक ने बताया, “हमारे पास सीमित संसाधन हैं और यह फैसला हमें आर्थिक रूप से कमजोर बना देगा। कंपनी को हमारे हालात को समझना चाहिए और हमें सहयोग देना चाहिए।”

आगे की रणनीति

एसोसिएशन ने अगले कुछ दिनों में एक विस्तृत योजना बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें कंपनी से संवाद और संभावित आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। संतोष रजक ने कहा, “हमारी प्राथमिकता संवाद से समस्या का समाधान करना है, लेकिन अगर हमें आंदोलन करना पड़ा, तो हम तैयार हैं।”

एसोसिएशन के इस कदम को स्थानीय समुदाय का भी समर्थन मिल रहा है। लोग मानते हैं कि ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को नजरअंदाज करना उचित नहीं है और कंपनी को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।

पचुवाड़ा कोल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की इस बैठक ने स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को उजागर किया और उनकी आवाज़ को बुलंद किया। एसोसिएशन ने कंपनी के निर्णय का विरोध करने और अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन की योजना बनाई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और समस्या का समाधान कैसे होता है।

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