🎊 त्योहारों की खुशियों से जगमगाया एलीट पब्लिक स्कूल का परिसर
पाकुड़, 18 अक्टूबर: एलीट पब्लिक स्कूल में आज दिवाली और छठ पूजा के शुभ आगमन से पूर्व एक भव्य सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया। पूरे स्कूल परिसर में उल्लास और रंगों की बहार छा गई। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को भारतीय संस्कृति, कला, और पर्यावरण संरक्षण के महत्व से अवगत कराना था। इस अवसर पर स्कूल के छात्रों ने अपनी रचनात्मकता, प्रतिभा और सांस्कृतिक मूल्यों का शानदार प्रदर्शन किया।
🎨 दिवाली रंगोली प्रतियोगिता में छात्रों की झलकी कला की चमक
कार्यक्रम की शुरुआत दिवाली रंगोली प्रतियोगिता से हुई, जिसमें विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने जोश और उत्साह के साथ भाग लिया। रंग-बिरंगे गुलाल, फूलों की पंखुड़ियों और दीयों से सजी आकर्षक रंगोलियों ने पूरे परिसर को रंगीन बना दिया।
छात्रों ने पारंपरिक और आधुनिक थीमों पर आधारित रंगोलियों के माध्यम से अंधकार पर प्रकाश की जीत, एकता, और सकारात्मकता का संदेश दिया। निर्णायक मंडल ने छात्रों की कलात्मक समझ, रंग संयोजन और मौलिकता की विशेष सराहना की। इस प्रतियोगिता ने छात्रों में न केवल कला के प्रति रुचि बढ़ाई, बल्कि उन्हें भारतीय परंपरा के सौंदर्यबोध से भी जोड़ा।
🙏 विशेष सभा में गीत, कविता और नाटिका से गूंजा वातावरण
रंगोली प्रतियोगिता के बाद विद्यालय में एक विशेष प्रार्थना सभा (Special Assembly) का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने दिवाली और छठ पूजा की पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व पर विविध प्रस्तुतियाँ दीं।
छात्रों ने मनमोहक भजन, कविता पाठ, और लघु नाटिका प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि त्योहार न केवल खुशियों के प्रतीक हैं, बल्कि ये सद्भाव, एकता और समाजसेवा की भावना को भी जीवित रखते हैं।
🎤 प्रधानाचार्य और निदेशक का प्रेरणादायक संबोधन
सभा के दौरान प्रधानाचार्य अभिजीत रॉय ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा, “दिवाली का त्योहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। हमें अपने जीवन में ज्ञान, सत्य और सद्भाव का प्रकाश फैलाना चाहिए।”
वहीं, निदेशक अरविंद साह ने सभी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को दिवाली एवं छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “छठ पूजा सूर्य उपासना का सबसे महान पर्व है, जो प्रकृति और मानव के सामंजस्य का प्रतीक है। हमें इन त्योहारों की पवित्रता को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रयासरत रहना चाहिए।”
🌞 छात्रों के चेहरों पर झलकती खुशी और गर्व
पूरे स्कूल का वातावरण उल्लास और आनंद से भर गया था। बच्चों के चेहरों पर उत्साह, ऊर्जा और मुस्कान झलक रही थी। स्कूल के प्रांगण में दीपों की रौशनी, रंगोलियों की छटा और छात्रों के प्रदर्शन ने मिलकर एक सांस्कृतिक संगम का दृश्य प्रस्तुत किया।
इस आयोजन ने न केवल छात्रों को त्योहारों के सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व को समझने का अवसर दिया, बल्कि उनके अंदर रचनात्मकता, टीम वर्क, और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को भी सुदृढ़ किया।
🌼 उत्सव का सार: संस्कृति और शिक्षा का संगम
एलीट पब्लिक स्कूल, पाकुड़ का यह उत्सव इस बात का प्रतीक बना कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि संस्कार और संस्कृति के संवर्धन का माध्यम भी है।
विद्यालय प्रशासन की इस पहल ने यह साबित किया कि बच्चों को यदि सही अवसर और मंच मिले, तो वे अपनी प्रतिभा से समाज में सकारात्मक संदेश फैला सकते हैं।