Monday, May 12, 2025
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10वीं और 12वीं में 75 फीसदी अटेंडेंस करें पूरा… वर्ना बिहार बोर्ड करेगा यह कार्रवाई

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सच्चिदानंद/पटना. अगर आप बिहार बोर्ड की 10वीं और 12वीं की कक्षा में हैं और रोज स्कूल या विद्यालय नहीं जाते हैं, तो आपको बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार बोर्ड ने अब स्कूलों में 75 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है. अब केवल वही विद्यार्थी परीक्षा में बैठ पाएंगे, जिनकी पूरे साल में 75 फीसदी अटेंडेंस रही हो. यह इसी सत्र से लागू होने वाला है. यानी मैट्रिक और इंटर 2024 में उसी विद्यार्थी को एग्जाम देने की अनुमति मिलेगी जो प्रतिदिन क्लास में पढ़ने आते थे.

इस संबंध में बिहार बॉर्ड ने सभी जिलाधिकारी (डीएम), क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा कार्यालय और प्राचार्यों (प्रिंसिपल) को आदेश दिया है. बता दें कि, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में यह नियम पहले से अनिवार्य है, लेकिन बिहार बोर्ड में अभी तक 75 फीसदी उपस्थिति की कोई बाध्यता नहीं थी. इस वजह से विधार्थी क्लास करने नहीं जाते थे और ट्यूशन के जरिये ही तैयारी करते थे.

नौवीं से लेकर 12वीं तक नियम अनिवार्य

बिहार बोर्ड में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के बीच यह धारणा है कि बिना क्लास गए एग्जाम देने की अनुमति मिल जाएगी. यह धरना बीते कई दशकों से चली आ रही थी. छात्र स्कूल आएं या न आएं, उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल जाता था. किसी प्रकार का कोई रोक-टोक नहीं था. छात्रों के लिए केवल मैट्रिक और इंटर के सेंटअप परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होता था. यही कारण था कि छात्र नाम लिखवा कर राजधानी पटना जैसे शहर में रह कर कोचिंग करते थे.

मगर अब बिहार बोर्ड ने नौवीं से 12वीं तक स्कूल आना अनिवार्य कर दिया है. बोर्ड के अनुसार जनवरी माह की शुरुआत तक जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 फीसदी होगी, केवल वही मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शामिल हो पाएंगे. बता दें कि, फरवरी में बोर्ड की परीक्षा शुरू हो जाती है.

योजना का लाभ लेने के लिए रोज आते थे कॉलेज

शिक्षा विभाग में के.के पाठक की इंट्री के बाद रोज स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है. औचक निरीक्षण में देखा गया है कि दसवीं और 12वीं में ज्यादातर स्कूलों में उपस्थिति 10 से 15 फीसदी रहती है. वहीं, नौवीं में छात्र उपस्थित पाए गए. इसका मतलब यह हुआ कि नौवीं में छात्र स्कूल इसीलिए आते हैं कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. एक बार लाभ मिल जाता है तो फिर वो स्कूल आना बंद कर देते हैं.

सरकारी योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना आदि के लिए नौवीं कक्षा में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है. यही कारण है कि विद्यार्थी प्रतिदिन स्कूल या विद्यालय आते हैं.

Tags: Bihar board, Bihar News in hindi, Education news, Local18, PATNA NEWS

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