पाकुड़: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए), पाकुड़ के तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, शेष नाथ सिंह के निर्देशानुसार नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत डीएलएसए सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में विद्यालयों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जागरूकता अभियानों का आयोजन किया गया।
विद्यालयों और प्रखंडों में चला जागरूकता अभियान
इस अभियान के तहत पाकुड़ जिले के सभी प्रखंडों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। पीएलवी (पैरा लीगल वॉलंटियर) टीम ने स्कूलों, ग्रामीण क्षेत्रों और सार्वजनिक स्थलों पर पहुंचकर लोगों को विभिन्न सामाजिक और कानूनी विषयों पर जागरूक किया। टीम ने घर-घर जाकर और सामूहिक बैठकें कर लोगों को उनकी कानूनी अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
बाल विवाह और साइबर अपराध पर विशेष जोर
कार्यक्रम के दौरान पीएलवी अमूल्य रत्न रविदास, एजारूल शेख, चंदन रविदास समेत अन्य प्रखंडों के पीएलवी ने बाल विवाह के दुष्प्रभावों को उजागर किया और बताया कि कानूनन 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह अवैध है।
इसके अलावा, साइबर ठगी और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के लिए भी लोगों को सतर्क किया गया। फर्जी कॉल, लॉटरी, बैंक फ्रॉड और सोशल मीडिया के माध्यम से हो रही ठगी से बचने के लिए सतर्कता बरतने की अपील की गई।
सड़क सुरक्षा और डायन प्रथा के खिलाफ जागरूकता
जागरूकता अभियान में सड़क सुरक्षा को भी प्रमुखता से शामिल किया गया। लोगों को बताया गया कि ट्रैफिक नियमों का पालन करना, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करना, शराब पीकर वाहन न चलाना बेहद आवश्यक है।
साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में डायन प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी जागरूकता फैलाई गई। पीएलवी टीम ने बताया कि किसी महिला को डायन बताकर प्रताड़ित करना कानूनन अपराध है, और इसके लिए सख्त कानूनी प्रावधान मौजूद हैं।
सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
कार्यक्रम के दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ने हेतु लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में बताया गया।
निःशुल्क कानूनी सहायता के लिए प्रेरित किया गया
अभियान के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ द्वारा दी जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता की जानकारी भी लोगों तक पहुंचाई गई। गरीब, असहाय और वंचित वर्ग के लोग किसी भी कानूनी समस्या के समाधान के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
लोगों ने किया सकारात्मक सहयोग
इस जागरूकता अभियान को स्थानीय लोगों से जबरदस्त समर्थन मिला। लोगों ने डीएलएसए द्वारा किए जा रहे इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण जनता के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और इससे उनकी कानूनी समझ और जागरूकता बढ़ती है।
अभियान से जुड़ने की अपील
कार्यक्रम के अंत में डीएलएसए की टीम ने लोगों से अपील की कि वे इस तरह की कानूनी जागरूकता को और अधिक फैलाएं। साथ ही, यदि कोई कानूनी समस्या हो, तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकार से संपर्क करें और अपने अधिकारों की रक्षा करें।
इस प्रकार, नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम के तहत पाकुड़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता की अलख जगाई गई, जो समाज के वंचित और जरूरतमंद लोगों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो रहा है।