विकास के लिए कांग्रेस महासचिव ने विधायक को सौंपा आवेदन
पाकुड़: नगर परिषद पाकुड़ के बुनियादी विकास कार्यों को गति देने की दिशा में जिला कांग्रेस महासचिव मोनिता कुमारी ने एक अहम पहल की है। उन्होंने पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र की माननीय विधायक महोदया को एक आवेदन सौंपकर यह मांग की है कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) फंड से नगर परिषद को उपयुक्त अंश हस्तांतरित किया जाए, ताकि शहरी विकास की योजनाओं को मजबूत आधार मिल सके।
वार्डों में आधारभूत सुविधाओं की भारी कमी
मोनिता कुमारी ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि नगर परिषद क्षेत्र के कई वार्डों में आज भी सड़क, नाली, पेयजल, स्ट्रीट लाइट, और स्वच्छता जैसी बुनियादी सेवाओं की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है, जो वर्तमान में नगर परिषद के पास नहीं है।
DMFT फंड का उद्देश्य और शहरी क्षेत्रों की अनदेखी
कांग्रेस ने इस बात पर भी जोर दिया कि DMFT फंड का मुख्य उद्देश्य केवल खनन प्रभावित ग्रामीण इलाकों का ही नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्रों के समग्र विकास को भी सुनिश्चित करना है। बावजूद इसके, आज तक पाकुड़ नगर परिषद को इस फंड से कोई पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाया है। मोनिता कुमारी ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा कि यह शहरी विकास के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है।
विधायक से की प्रभावी पहल की अपील
अपने आवेदन में मोनिता कुमारी ने विधायक महोदया से आग्रह किया है कि वे इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से समन्वय कर नगर परिषद को DMFT फंड का समुचित हिस्सा दिलाने की दिशा में आवश्यक पहल करें। उन्होंने कहा कि यदि नगर परिषद को यह आर्थिक सहयोग प्राप्त होता है, तो शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और लोगों को सीधी राहत मिलेगी।
जनता के विश्वास को मिलेगा बल
मोनिता कुमारी ने उम्मीद जताई कि विधायक महोदया इस विषय को प्राथमिकता देंगी और उनकी सकारात्मक पहल से न केवल नगर में तेजी से विकास होगा, बल्कि जनता के बीच उनका विश्वास और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि एक सक्रिय और संवेदनशील नेतृत्व ही शहरी जरूरतों को सही मायनों में समझकर कार्य कर सकता है।
शहरी विकास के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता
इस पहल के माध्यम से कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर यह दर्शाया है कि वह जनता की बुनियादी समस्याओं को लेकर गंभीर है और शहरी विकास की दिशा में ठोस कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विधायक महोदया इस पर कैसा रुख अपनाती हैं और कब तक नगर परिषद को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलना शुरू होता है।
यह मुद्दा न केवल स्थानीय शहरी विकास से जुड़ा है, बल्कि इससे यह भी तय होगा कि खनिज संपदा से अर्जित राजस्व का लाभ स्थानीय नागरिकों तक किस हद तक पहुंचता है।