रक्तदान से बनी जिंदगी की डोर, सुधीर सिंह ने दिखाया साहस
पाकुड़ शहर में शनिवार को एक संवेदनशील और प्रेरणादायक घटना देखने को मिली, जब कोर्ट कर्मचारी सुधीर कुमार सिंह ने रक्तदान कर 17 वर्षीय खुशी पहाड़िया की जान बचाई। यह कार्य उन्होंने सत्य सनातन संस्था के आह्वान पर किया, जिसने न सिर्फ एक ज़रूरतमंद की मदद की, बल्कि समाज में मानवता और सेवा भाव की मिसाल पेश की।
अत्यंत गरीब परिवार से है पीड़िता, अचानक बिगड़ी तबीयत
खुशी पहाड़िया, जो पाकुड़ शहर के किताझोर मोहल्ले की निवासी है, एक अत्यंत गरीब परिवार से आती है। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। स्थानीय निवासी मेघदूत घोष ने मानवीय पहल करते हुए बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची के शरीर में रक्त की भारी कमी है और तत्काल रक्त चढ़ाना जरूरी है।
संस्था ने निभाई जिम्मेदारी, रक्तदाताओं से की अपील
सत्य सनातन संस्था के जिला अध्यक्ष हर्ष भगत ने जानकारी दी कि जैसे ही मेघदूत घोष ने रक्त की आवश्यकता के संबंध में संस्था से संपर्क किया, संस्था ने तुरंत सहयोग की पहल की। संस्था की इस अपील पर कोर्ट कर्मचारी सुधीर सिंह ने स्वेच्छा से रक्तदान कर बच्ची की जान बचाई।
रक्त अधिकोष में पहुंचकर किया रक्तदान
सुधीर सिंह ने पुराना सदर अस्पताल स्थित रक्त अधिकोष (ब्लड बैंक) में पहुंचकर रक्तदान किया। उन्होंने कहा, “रक्तदान महादान है। किसी की जान बचाने का अवसर मिलना अपने आप में सौभाग्य है। इस प्रकार के कार्यों से पीछे नहीं हटना चाहिए।” उन्होंने आम जनता से भी रक्तदान जैसे पुण्य कार्य में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाने की अपील की।
संस्था की सामाजिक जागरूकता की मिसाल
सत्य सनातन संस्था के अध्यक्ष हर्ष भगत ने बताया कि संस्था लंबे समय से रक्तदान को लेकर सामाजिक जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्था भविष्य में भी ऐसे जनहितकारी कार्यों को निरंतर जारी रखेगी। रक्त की आवश्यकता को देखते हुए संस्था समाज में स्वेच्छा से रक्तदान की भावना को प्रोत्साहित करने का कार्य करती रही है।
बच्ची के परिजनों ने जताया आभार
खुशी पहाड़िया के परिजनों ने सुधीर सिंह एवं सत्य सनातन संस्था का हृदय से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि अगर समय पर रक्त उपलब्ध नहीं होता, तो उनकी बेटी की जान को गंभीर खतरा हो सकता था। संस्था की तत्परता और सुधीर सिंह की संवेदनशीलता ने आज उन्हें नवजीवन का अनुभव दिया है।
मौके पर मौजूद रहे संस्था के सदस्य
रक्तदान के इस महान कार्य के दौरान संस्था के अजय भगत, रक्त अधिकोष के नवीन कुमार समेत कई अन्य लोग मौजूद थे। सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे समाज में सेवा की भावना को बढ़ावा देने वाला उदाहरण बताया।
एक नेक कार्य से बची एक जान
सुधीर कुमार सिंह द्वारा किया गया यह रक्तदान न केवल एक बच्ची के जीवन को बचा गया, बल्कि यह उदाहरण बन गया कि कैसे एक छोटी-सी मदद भी किसी के लिए जीवनदान बन सकती है।
सत्य सनातन संस्था और इसके कार्यकर्ताओं की यह पहल समाज में जिम्मेदार नागरिकता और मानवता की भावना को मजबूत करती है।
ऐसी घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि एक व्यक्ति भी बदलाव का वाहक बन सकता है — बस जरूरत है एक जागरूक और संवेदनशील सोच की।