Monday, October 21, 2024
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शिल्पकारों और कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी

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(धर्मेन्द्र सिंह) पाकुड़। भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के शाखा एमएसएमई -विकास कार्यालय, धनबाद द्वारा पाकुड़ जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना पर आधारित एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया इत्यादि के बारे में वृहद रूप से जानकारी देना एवं जागरुक करना है।

इस कार्यक्रम का उ‌द्घाटन शुक्रवार को राजकीय आईटीआई, सोनाजोड़ी, पाकुड़ में मुख्य अतिथि उद्योग महाप्रबंधक डॉ कमलेश कुमार सिंह, जिला उद्योग केंद्र, साहेबगंज एवं उपस्थित अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम के संयोजक दीपक कुमार, सहायक निदेशक द्वारा उ‌द्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया। उन्होंने कार्यक्रम के उ‌द्देश्य एवं रूप-रेखा से अवगत कराते हुए बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विदयाओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित है कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाडू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले।

उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रुपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रुपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रुपए तक का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रुपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

जिला उद्योग महा प्रबंधक डॉ कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा जयंती दिनांक-17 सितम्बर, 2023 को प्रधानमंत्री जी के द्वारा डिजिटली लाँच (लागू) की गई थी। भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विदयाओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने हेतु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया।

उ‌द्घाटन सत्र में सम्मानित अतिथि नितेश नारायण, मुख्य प्रबंधक, एसबीआई, पाकुड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), पाकुड़ की जिला प्रबंधक संतोशिला हेम्ब्रम ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक ‘ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया।

राहल कुमार, ईओडीबी प्रबंधक, डीआईसी,पाकुड़ ने कार्यक्रम की समाप्ति पर सभा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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