Wednesday, February 5, 2025
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कानूनी सेवाओं की गति: पीएलवी कार्यक्रम की महत्वपूर्ण समीक्षा

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पाकुड़। जिले में ग्रामीण समुदायों को कानूनी जागरूकता बढ़ाने और मूल्यवान कानूनी सहायता प्रदान करने के एक ठोस प्रयास में, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बाल कृष्ण तिवारी के निर्देश में अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार, निर्मल कुमार भारती के मार्गदर्शन में ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार के सभागार में ओरियंटेशन सह पीएलवी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी ज्ञान को मजबूत करने और कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में कानूनी विशेषज्ञों और अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। जिससे कानूनी सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने के मिशन को बल मिला।

100 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी रूप से डिजाइन किया गया था और इसमें आउटरीच कार्यक्रम भी शामिल थे। कई महत्वपूर्ण कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई और इस पहल का उद्देश्य पात्र व्यक्तियों तक क़ानूनी लाभ पहुंचना था।

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कार्यक्रम की मुख्य बातें:

कार्यक्रम की समीक्षा: लीगल एट डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ नुकुमुद्दीन शेख और संजीव कुमार मंडल ने पीएलवी कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने कार्यालय द्वारा दी गई जिम्मेदारी पर जोर दिया साथ ही आवश्यक कानूनी जानकारी प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया। 100 दिवसीय विशेष जागरूकता और आउटरीच कार्यक्रम को वास्तविकता में बदलने में इसकी सफलता के लिए कार्यक्रम की सराहना की गई।

ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता फैलाना: कार्यक्रम का उद्देश्य कानूनी जागरूकता फैलाना और दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसने योग्य व्यक्तियों को आगे बढ़ने और इन क्षेत्रों में कानूनी मुद्दों को संबोधित करने के लिए अपनी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। चर्चा ग्रामीण आबादी के बीच जागरूकता बढ़ाने और उन्हें लाभ दिलाने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर केंद्रित थी जिनके वे हकदार हैं।

योजना और कानूनी सहायता: नालसा के योजनाओं के विभिन्न पहलुओं और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ द्वारा प्रदान की जाने वाली कानूनी सहायता पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम ने बाल विवाह, बाल श्रम, POCSO अधिनियम (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम), और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि पीएलवी ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी कानूनी चिंताओं को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं।

उद्देश्यों की चर्चा: कार्यक्रम ने अपने मिशन के पीछे के उद्देश्यों पर चर्चा करने के लिए एक खंड समर्पित किया। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता को मजबूत करना और विभिन्न मुद्दों के समाधान ढूंढना है, यह सुनिश्चित करना कि पीएलवी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।

झारखंड के पाकुड़ जिले में ओरिएंटेशन और पीएलवी प्रशिक्षण कार्यक्रम ने ग्रामीण समुदायों के लिए कानूनी सेवाओं को सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। कानूनी विशेषज्ञों और अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ, इसने कानूनी जागरूकता फैलाने और उन लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एक मंच तैयार किया है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। यह पहल न केवल कानूनी सशक्तिकरण का प्रतिबिंब है, बल्कि झारखंड के ग्रामीण इलाकों में न्याय चाहने वाले व्यक्तियों के लिए आशा की किरण भी है।

इस कार्यक्रम में सहायक लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के अजफर हुसैन विश्वास, कमला रॉय गांगुली, सायेम अली, पिंकी मंडल, चन्द्रशेखर घोष, खुदु राजवंशी, याकूब अली, सीमा साहा, प्रियंका झा, उत्पल मंडल, मोकामौल शेख, नीरज कुमार राउत, सहित अन्य शामिल हुए।

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