फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम अंतर्गत आगामी 10 फरवरी से 25 फरवरी तक मनाए जाने वाले एमडीए अभियान के दौरान दो तरह की दवा (डीईसी एवं अल्बेंडाजोल) की दवा खिलायी जाएगी
10 फरवरी को सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सीएचसी एवं प्रखंड कार्यालय पर बूथ लगाकर तथा 11 फरवरी से 25 फरवरी तक छूटे हुए लोगों को घर-घर जाकर दवा प्रशासक द्वारा दवा खिलाई जाएगी
(धर्मेन्द्र सिंह) पाकुड़।उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस अभियान की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन को आवश्यक सहयोग प्रदान करें ताकि एक भी पात्र व्यक्ति दवा खाने से वंचित नहीं रह जाएं।
उन्होने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण शुरूआती दिनों में नहीं पता चल पाता, कई मामलों में 5 वर्ष से 15 वर्ष बीत जाने के बाद पीड़त की पहचान हो पाती है, ऐसे में जरूरी है कि जो व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहें हों वे भी दवा जरूर खायें।
उपायुक्त ने कहा कि एम.डी.ए के तहत दिए जाने वाले अल्बेंडाजोल का सेवन भी काफी जरूरी है। इससे कुपोषण की समस्या पर रोक लगाई जा सकती है। कुपोषित बच्चों के पेट में कीड़ा होने के कारण उनके स्वास्थ्य पर कई दुष्प्रभाव पड़ता है जिससे वह और कुपोषित बनते जाते हैं। इससे निजात पाने के लिए अल्बेंडाजोल की दवा खाना आवश्यक है। आइए हम सब मिलकर एमडीए का दवा, दवा प्रशासक के सामने खाएं और पाकुड़ जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाएं।