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अमित शाह ने कहा कि कई बार केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में भाजपा की सरकार थी, कई बार केंद्र में भाजपा की सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस की, उस समय ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कभी झगड़ा नहीं हुआ। उस समय इसी व्यवस्था से निर्णय होते थे और किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई।
राज्यसभा में ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार मुक्त शासन हो। बिल के एक भी प्रावधान से, पहले जो व्यवस्था थी, उस व्यवस्था में एक इंच मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि कई बार केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में भाजपा की सरकार थी, कई बार केंद्र में भाजपा की सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस की, उस समय ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कभी झगड़ा नहीं हुआ। उस समय इसी व्यवस्था से निर्णय होते थे और किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई।
भाजपा नेता ने कहा कि कई सदस्यों द्वारा बताया गया कि केंद्र को शक्ति हाथ में लेनी है। हमें शक्ति लेने की जरूरत नहीं क्योंकि 130 करोड़ की जनता ने हमें शक्ति दी हुई है। उन्होंने कहा कि यह बिल हम शक्ति को केंद्र में लाने के लिए नहीं बल्कि केंद्र को दी हुई शक्ति पर दिल्ली UT की सरकार अतिक्रमण करती है, इसको वैधानिक रूप से रोकने के लिए यह बिल लेकर लाए हैं। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि शब्दों के श्रृंगार से असत्य को सत्य नहीं बनाया जा सकता…ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी के सुंदर, लम्बे शब्दों को बोलने से असत्य को सत्य नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि हम देश में आपातकाल लगाने के लिए संविधान में संशोधन नहीं लाए हैं। कांग्रेस पार्टी को लोकतंत्र के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है।
अमित शाह ने (आप सरकार ने) सतर्कता विभाग में अधिकारियों का तबादला कर दिया क्योंकि ‘आबकारी घोटाले’ से संबंधित फाइलें वहां पड़ी थीं। शाह ने कहा कि आधी रात में AAP के नेताओं ने विजिलेंस विभाग में जाकर कागजों को इधर-उधर किया। शाह ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उनके आवास को लेकर ‘शीशमहल’ शब्द का भी इस्तेमाल किया। इस पर संसद में जोरदार हंगामा हो गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हूं। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। आप (विपक्ष) ही हैं जिनके पास छिपाने के लिए कुछ है कि आप चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। अगर खड़गे जी 11 अगस्त को चर्चा के लिए हां कहते हैं, तो मैं भी इसके लिए तैयार हूं।
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