Sunday, November 24, 2024
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नेताजी ने जिस कार से की थी कोलकाता से बर्मा तक की थी यात्रा, उसे कटक के जानकीनाथ भवन लाने की मांग

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ओडिशा सरकार बीजू पटनायक के प्रतिष्ठित डकोटा विमान को जनता के दर्शन के लिए यहां हवाई अड्डे पर रखने के सभी प्रयास कर रही है, ऐसे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेबी ऑस्टिन कार को कटक के उड़िया बाजार में उनके जन्मस्थान जानकीनाथ भवन में लाने की मांग की जा रही है। 

स्वतंत्रता सेनानी बोस ने 1930 से 1941 तक इस कार का इस्तेमाल किया था और कथित तौर पर कोलकाता से बर्मा की यात्रा की थी। कटक के कलेक्टर भवानी शंकर चयानी को एक ज्ञापन भेजने वाले कटक के नेताजी फाउंडेशन ने सोमवार को दावा किया कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि वाहन 2014 में धनबाद के बरारी कोक संयंत्र में पाया गया था।  

उन्होंने कहा, ‘ओडिशा सरकार बीजू बाबू का डकोटा कोलकाता से लाई है। यह नेताजी की कार को वापस ला सकती है और इसे उनके जन्मस्थान पर प्रदर्शित कर सकती है।’ 

फाउंडेशन के संयोजक जिनेश दास और बिकी चक्रवर्ती ने कहा, यह हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि होगी।  देश राष्ट्रवादी नेता के जन्मदिन (23 जनवरी) को पराक्रम दिवस के रूप में मनाता है। इस साल यह दिन महान नेता की 126 वीं जयंती को चिह्नित कर रहा है। 

कटक-चौद्वार विकास परिषद नाम के एक अन्य संगठन ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को एक ज्ञापन में राष्ट्रवादी नेता की प्रतिमा और कटक में एक शोध केंद्र की स्थापना के लिए भी दबाव डाला। उन्होंने शहर के एक महत्वपूर्ण मार्ग का नाम उनके नाम पर रखने और स्कूल के पाठ्यक्रम में उनके जीवन पर एक अध्याय शामिल करने की भी मांग की।  

उन्होंने नेताजी द्वारा प्रतिदिन इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं का संग्रह करने और रेवेनशॉ कॉलेजिएट स्कूल के परिसर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग की, जहां उन्होंने पढ़ाई की थी। नेताजी का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक में प्रभावती बोस और जानकीनाथ बोस के घर हुआ था। जानकीनाथ बोस एक जाने-माने वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे। ओडिशा सरकार ने जानकीनाथ भवन को उनके जन्मस्थान पर नेताजी संग्रहालय में बदल दिया है।

राज्य सरकार बीजू पटनायक द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डकोटा विमान को 18 जनवरी को कोलकाता से वापस लाई थी। यह विमान दशकों से नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बंद पड़ा था। इतिहासकार अनिल धीर ने कहा, ‘बीपीआईए () संभवत: दुनिया का पहला हवाईअड्डा है जहां पुराने विमान को जनता के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा।

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