पाकुड़। जिले में कल्याण विभाग के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की। इसमें संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ-साथ योजनाओं के लाभुक भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की जानकारी
उपायुक्त ने कार्यशाला में बताया कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को कृषि, कुटीर उद्योग, छोटे व्यवसायों और अन्य स्वरोजगार योजनाओं के लिए ऋण-सह-अनुदान प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ दो चरणों में दिया जाता है। पहले चरण में लाभुकों को 25 हजार रुपये और दूसरे चरण में 25 हजार रुपये का ऋण-सह-अनुदान दिया जाता है। जिन लाभुकों को दोनों किश्तों का लाभ मिल चुका है, उन्हें अपने ऋण का भुगतान बैंक के माध्यम से करना होगा।
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मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के लाभ
उपायुक्त ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना की भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के उन लोगों के लिए है, जो किसी गंभीर बीमारी या स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं।
योजना के तहत लाभुकों को निम्नलिखित आर्थिक सहायता दी जाती है:
- व्यस्क लाभुकों को 3,000 से 5,000 रुपये तक की सहायता राशि।
- अव्यस्क लाभुकों को 1,500 से 2,500 रुपये तक की सहायता।
- कैंसर पीड़ित लाभुकों को 25,000 रुपये तक की आर्थिक मदद।
इसके लिए लाभार्थियों को आवेदन करते समय राशन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता, जाति प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
वनाधिकार पट्टा, बिरसा आवास योजना और अन्य योजनाओं की समीक्षा
उपायुक्त ने कार्यशाला में अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की और उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने वनाधिकार पट्टा के आवंटन के लिए सभी अंचल अधिकारियों को निर्देशित किया।
उन्होंने छात्रवृत्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार अधिकारियों (BEEO) को भी निर्देश दिए। साथ ही बिरसा आवास योजना को लेकर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
सीएम पशुधन योजना को लेकर निर्देश
सीएम पशुधन योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए उपायुक्त ने पशुपालन पदाधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ जरूरतमंद किसानों और पशुपालकों तक पहुंचे, इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से इसकी समीक्षा करें।
कार्यशाला में अधिकारियों और लाभुकों की उपस्थिति
इस कार्यशाला में परियोजना निदेशक आईटीडीए अरुण कुमार एक्का, जिला कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मण हरिजन समेत कई अन्य पदाधिकारी, विभागीय कर्मी और लाभुक उपस्थित थे। सभी ने योजनाओं की कार्यप्रणाली को समझा और अपने अनुभव साझा किए।
इस कार्यशाला के माध्यम से लाभुकों को योजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं, जिससे वे आगे बढ़कर इन योजनाओं का लाभ उठा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।