Tuesday, September 17, 2024
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उपायुक्त ने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना को लेकर डीसी ने समीक्षात्मक बैठक की

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  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत जिले के पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े शिल्पकारों एवं कारीगरों का पंजीयन ग्राहक सेवा केन्द्र (सीएससी सेंटर) के माध्यम से निःशुल्क किया जा रहा है।

पाकुड़। उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने मंगलवार को समाहरणालय सभा कक्ष में पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षात्मक बैठक की। उपायुक्त ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की स्थिति की जानकारी लेते हुए प्राथमिकता के साथ इस कार्य को पूर्ण करने को कहा। साथ ही योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए अधिक से अधिक योग्य लाभुकों का आवेदन प्राप्त कर योजना के तहत लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए।

वहीं उद्योग महाप्रबंधक के द्वारा बताया गया कि पाकुड़ जिले में अभी तक 255 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सभी आवेदनों की जांच मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के प्रखंड समन्वयक के द्वारा जाँच किया गया। जांच के क्रम में 4 आवेदन गलत पाए गए। उन्होंने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आपसी समन्वय स्थापित कर लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य करने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर उन्होंने पीएम विश्वकर्मा की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस योजना से अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले जिले के हजारों कारीगरों और शिल्पकारों को सीधे लाभ होगा। साथ ही पारंपरिक और विरासत शिल्प के संरक्षण में योगदान देने वाले कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन में बदलाव आएगा। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को विश्वकर्मा (पारंपरिक कारीगर) के रूप में मान्यता देने में सक्षम बनाएगी। जिससे वे योजना के तहत लाभ उठाने के पात्र बन जाएंगे।

पीएम विश्वकर्मा योजना

इस योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं – कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले। योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण व रूपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रूपए तका का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

मौके पर सहायक समाहर्ता डॉ कृष्णकांत कनवाड़िया, उद्योग, महाप्रबंधक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जेएसएलपीएस डीपीएम, श्रम अधीक्षक, जिला उद्यमी समन्वयक, एलडीएम एवं एसएमपीओ समेत अन्य उपस्थित थे।

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