पाकुड़। गोपनीय कार्यालय कक्ष में उपायुक्त मनीष कुमार ने कृषि विभाग द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। इस बैठक में पीएम कुसुम योजना, पीएम किसान योजना और झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की प्रगति पर चर्चा की गई। बैठक का उद्देश्य इन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को अधिकतम लाभ पहुंचाना और प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना था।
पीएम कुसुम योजना की समीक्षा
बैठक की शुरुआत में, पीएम कुसुम योजना के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने बताया कि द्वितीय वर्ष 2023-24 में 34 किसानों को अप्रूव्ड योजना को संबंधित जरेडा के माध्यम से पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32 लाभुकों को तुरंत अप्रूव्ड करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं, ताकि उन्हें योजना का लाभ शीघ्र मिल सके।
इसके साथ ही, उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में दस दिनों के अंदर एक हजार किसान को ऑनलाइन आवेदन कराने का निर्देश दिया, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके और उनकी कृषि में सुधार हो सके।
पीएम किसान योजना का कार्यान्वयन
इसके बाद, पीएम किसान योजना की समीक्षा की गई। इस योजना के तहत, उपायुक्त ने किसानों के डाटाबेस को मर्ज करने और उसमें हो रही गलतियों या खामियों को ठीक करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि लंबित डाटा को जल्दी से हल किया जाए और ई-केवाईसी को चार हजार से कम कर दो हजार तक लाया जाए।
इसके अलावा, कृषि से संबंधित सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को कार्य करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने विशेष रूप से पीएम किसान योजना में त्वरित गति से कार्य करने का आदेश दिया, ताकि किसानों को समय पर लाभ मिल सके।
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की समीक्षा
बैठक में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत लंबित मामलों पर भी चर्चा की गई। 1254 लंबित किसानों के संदर्भ में उपायुक्त ने निर्देश दिए कि दूरभाष के माध्यम से संपर्क साधते हुए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कराई जाए। इसके अलावा, यदि आवश्यक हो तो संबंधित क्षेत्रों में कैम्प लगाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरी करने की योजना बनाई गई। इस कदम से किसानों को ऋण माफी का लाभ जल्दी मिलेगा और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कृषक पाठशाला योजना का कार्यान्वयन
बैठक के दौरान, चितलो फार्म लिट्टीपाड़ा प्रखंड में कृषक पाठशाला योजना के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई। उपायुक्त ने संस्था स्कोप को निर्देश दिया कि वे त्वरित गति से कार्य करें और कार्य का प्रदर्शन दिखाने का प्रयास करें। इसके साथ ही, चितलो फार्म का मानचित्र तैयार करते हुए, उन्होंने कार्यों को बिंदुवार दर्शाने का भी आदेश दिया। इस योजना के तहत किसानों को बेहतर प्रशिक्षण और कृषि संबंधी नई जानकारियों से अवगत कराया जाएगा, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ सके।
उपस्थित अधिकारी और उनका योगदान
बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने योजनाओं के कार्यान्वयन में अपनी भूमिका निभाई और संबंधित निर्देशों का पालन करने के लिए पूरी तत्परता दिखाई। सभी अधिकारियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि योजनाओं का लाभ किसानों तक सही तरीके से पहुंचे और उनकी कृषि स्थिति में सुधार हो।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कृषि योजनाओं की गति को बढ़ाना और लाभार्थियों को शीघ्र लाभ दिलाना था। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वे इन योजनाओं को सख्ती से लागू करें और किसानों की मदद के लिए तत्पर रहें। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं की सफलता से किसानों की जीवनशैली में बदलाव आएगा और राज्य की कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।