रैयतों को मुआवजा भुगतान में आ रही समस्याओं पर चर्चा
पाकुड़। जिले के उपायुक्त मनीष कुमार ने पथ निर्माण और चौड़ीकरण परियोजना से संबंधित रैयतों के मुआवजा भुगतान को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में अपर समाहर्ता और जिला भू-अर्जन पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य रैयतों को मुआवजा भुगतान में आ रही समस्याओं का समाधान करना था।
मौजा चेगाडांगा और पीरपाला में दाखिल खारिज की समस्या
बैठक में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय सिंह बड़ाईक ने जानकारी दी कि चेगाडांगा और पीरपाला में पथ चौड़ीकरण परियोजना के तहत कुल 06 मौजों में से 03 मौजों- निशीपुर, चेगाडांगा और हमरुल में अधिकांश रैयतों का दाखिल खारिज नहीं हो पाया है। इसके कारण रैयतों को मुआवजा भुगतान करने में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इस मुद्दे पर उपायुक्त ने निर्देश दिया कि संबंधित गांवों में विशेष शिविरों का आयोजन कर दाखिल खारिज की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए।
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NH33A धर्मपुर मोड़ से पाकुड़ पथ निर्माण परियोजना
बैठक में उपायुक्त ने NH33A धर्मपुर मोड़ से पाकुड़ पथ निर्माण परियोजना के तहत 3D सत्यापन कार्य को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। इस परियोजना में लिट्टीपाड़ा और हिरणपुर के कुल 06 मौजों के मामलों को शामिल किया गया है। उन्होंने अंचल अधिकारी, पाकुड़ को निर्देश दिया कि 21 जनवरी तक इस कार्य को निष्पादित किया जाए ताकि परियोजना में कोई विलंब न हो।
R&R से संबंधित समस्याओं के समाधान पर जोर
बैठक में उपायुक्त ने पुनर्वास और पुनर्स्थापन (R&R) से संबंधित समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रैयतों के साथ उचित संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। इसके अलावा, जाति, निवास, और आय प्रमाण पत्र से जुड़े लंबित मामलों को भी अविलंब निष्पादित करने का आदेश दिया गया।
प्राकृतिक और स्थानीय आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए निर्देश
उपायुक्त ने प्राकृतिक आपदा और स्थानीय आपदा में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को मुआवजा राशि शीघ्र प्रदान करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत दी जानी चाहिए ताकि उनकी परेशानियां कम हो सकें।
समाधान की दिशा में उपायुक्त के निर्देश
इस बैठक के माध्यम से उपायुक्त ने पथ निर्माण और मुआवजा वितरण से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि परियोजनाओं को समय पर पूरा करना और रैयतों के अधिकारों की रक्षा करना प्रशासन की प्राथमिकता है। इन प्रयासों से न केवल जिले में विकास कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि रैयतों का भरोसा भी कायम रहेगा।