पाकुड़। जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा वित्त पोषित एवं जनलोक कल्याण परिषद, पाकुड़ द्वारा संचालित ओल्ड एज होम, सोनाजोड़ी का उपायुक्त मनीष कुमार द्वारा निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य वृद्धजनों को दी जा रही सुविधाओं का आकलन करना था। उपायुक्त ने आधारभूत संरचना, वित्तीय सहायता, चिकित्सीय सुविधाएं, रसोई की व्यवस्था, शौचालय और पेयजल की उपलब्धता जैसी आवश्यक सुविधाओं का गहन जायजा लिया।
वृद्धजनों से संवाद और उनकी स्थिति पर चर्चा
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने ओल्ड एज होम में रहने वाले सभी वृद्धजनों से मुलाकात की और उनके साथ लंबी बातचीत की। उन्होंने वृद्धजनों से वहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा और उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास किया। उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को वृद्धजनों के खान-पान और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए।
मिठाईयों का किया गया वितरण
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने वृद्धजनों के बीच मिठाई का वितरण किया, जिससे वहां मौजूद सभी वृद्धजनों के चेहरे पर खुशी देखी गई। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो और उनकी हर संभव देखभाल की जाएगी।
किचन गार्डन और फलदार पौधों की योजना
उपायुक्त ने ओल्ड एज होम परिसर में किचेन गार्डन और फलदार पौधों की स्थापना के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस पहल से वृद्धजनों को ताजे फल और सब्जियां मिल सकेंगी और वे एक स्वस्थ जीवन शैली अपना सकेंगे। इसके साथ ही परिसर को और भी हरे-भरे और स्वस्थ वातावरण में विकसित करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
जिला प्रशासन की सहायता का आश्वासन
उपायुक्त मनीष कुमार ने ओल्ड एज होम को और बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “वृद्धजनों की सेवा करना सबसे बड़ी मानवता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।” उपायुक्त ने सभी कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें और वृद्धजनों के प्रति संवेदनशील रहें।
उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी
इस मौके पर जिला शिक्षा अधीक्षक श्री मुकुल राज, समाज कल्याण विभाग के कई कर्मचारी और ओल्ड एज होम के सभी कर्मी भी उपस्थित थे। सभी ने मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि वृद्धजनों की सेवा में कोई कमी न हो और उनकी सभी जरूरतों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।