Wednesday, February 12, 2025
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ABIP–SS योजना के तहत जागरूकता रथ रवाना, उपायुक्त ने दिखाई हरी झंडी

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पशुपालन विभाग द्वारा नई तकनीक आधारित योजना का प्रचार अभियान शुरू

पाकुड़: पशुपालन विभाग, पाकुड़ द्वारा ABIP–SS योजना के तहत जिले में पशुपालकों को जागरूक करने के लिए एक विशेष जन जागरूकता रथ को रवाना किया गया। उपायुक्त मनीष कुमार ने सोमवार को इस रथ को हरी झंडी दिखाकर प्रचार अभियान की शुरुआत की। यह रथ पूरे जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर पशुपालकों को नई तकनीक पर आधारित कृत्रिम गर्भाधान के लाभों के बारे में जानकारी देगा।

नई तकनीक से सुनिश्चित होगा मादा बछिया का जन्म

उपायुक्त ने बताया कि ABIP–SS योजना एक उन्नत वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित है, जिसके माध्यम से लिंग परिष्कृत वीर्य का उपयोग कर कृत्रिम गर्भाधान कराया जाता है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाता है कि केवल मादा बछिया का ही जन्म हो, जिससे पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस तकनीक से न केवल पशुओं की नस्ल में सुधार होगा, बल्कि किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से भी लाभ मिलेगा।

जिलेभर में होगा व्यापक प्रचार-प्रसार

इस योजना के तहत रवाना किया गया जागरूकता रथ जिले के विभिन्न प्रखंडों, पंचायतों और गांवों में जाकर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा। इस अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक पशुपालकों को जागरूक करना और उन्हें उन्नत नस्ल की गायों के पालन के प्रति प्रोत्साहित करना है। अगले कई दिनों तक यह रथ जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में घूमकर योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लोगों तक पहुंचाएगा।

पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभ

यह योजना पशुपालकों की आय में वृद्धि करने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकती है। मादा बछियों के जन्म से भविष्य में दूध उत्पादन बढ़ेगा, जिससे पशुपालक आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। उपायुक्त ने कहा कि इस योजना से पशुपालन क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे और जिले के पशुपालकों को इसका दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।

प्रशासन का सतत प्रयास

प्रशासन इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उपायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे योजना से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं को किसानों और पशुपालकों को स्पष्ट रूप से समझाएं। साथ ही, पशुपालकों को इस प्रक्रिया से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि वे आधुनिक पशुपालन तकनीकों को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें

यह जागरूकता अभियान जिले में पशुपालन क्षेत्र को नई दिशा देने और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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