पाकुड़। जिले में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उपायुक्त मनीष कुमार ने एक सराहनीय पहल की है। मुख्य सड़कों पर वाहनों के तीव्र परिचालन से विद्यालय के बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए उपायुक्त ने सड़क किनारे स्थित 21 विद्यालयों के बाहर बैरिकेड लगाने का निर्देश दिया है। इस कार्य का उद्देश्य बच्चों और उनके अभिभावकों को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करना है।
सड़क सुरक्षा को लेकर उपायुक्त का निर्णय
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़क के दोनों छोर पर बैरिकेड लगाए जाएं ताकि वाहन धीरे-धीरे गति से चलें और स्कूल के आसपास रुकने का स्थान सुनिश्चित हो सके। यह निर्णय विशेष रूप से उन विद्यालयों के लिए लिया गया है जो मुख्य सड़कों के किनारे स्थित हैं। इन बैरिकेड्स के माध्यम से बच्चों को सड़क पार करते समय किसी भी प्रकार की दुर्घटना का खतरा कम होगा।
शिक्षकों, बच्चों और अभिभावकों ने जताया आभार
इस पहल के लिए विद्यालयों के शिक्षक, बच्चे और अभिभावक उपायुक्त के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया है जो बच्चों की सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ अभिभावकों के मन में विश्वास पैदा करता है। बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि इस कदम से वे अपने बच्चों को स्कूल भेजते समय अधिक आश्वस्त महसूस करते हैं।
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कार्य का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित
बैरिकेड लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसे शीघ्रता और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। स्कूलों के प्रबंधन को भी इसके तहत समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा गया है ताकि इस पहल को बिना किसी बाधा के पूरा किया जा सके।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश
इस कदम से न केवल विद्यालय के बच्चों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा, बल्कि इससे सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी फैलेगी। यह पहल अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण साबित हो सकती है, जहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर ऐसी योजनाएं लागू करने की आवश्यकता है।
बच्चों की सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता
उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों और प्रशासनिक अधिकारियों से भी अपील की कि वे इस कार्य में पूरा सहयोग करें और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करें।
यह पहल जिले में शिक्षा और सुरक्षा के समन्वय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैरिकेड लगाने का यह कार्य बच्चों और अभिभावकों को राहत देने के साथ-साथ जिले में सड़क सुरक्षा का संदेश भी फैला रहा है। उम्मीद है कि अन्य जिलों में भी ऐसी योजनाओं को अपनाया जाएगा ताकि हर जगह बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण उपलब्ध हो सके।