पाकुड़। उपायुक्त मनीष कुमार ने बुधवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित बाल आश्रय गृह एवं सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने इन संस्थानों की व्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण
उपायुक्त ने सर्वप्रथम सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया, जहाँ केंद्र प्रशासक ने बताया कि इस केंद्र में महिलाओं को एक ही छत के नीचे कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, मेडिकल सुविधा और अल्पकालीन आश्रय की सुविधा प्रदान की जाती है। केंद्र का मुख्य उद्देश्य घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता उपलब्ध कराना है। उपायुक्त ने सखी वन स्टॉप सेंटर में परामर्श से जुड़े दस्तावेजों के उचित संधारण के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि केंद्र में कार्यरत सभी कर्मचारी महिलाओं की संख्या बढ़ाई जाए ताकि वे पीड़ित महिलाओं को और बेहतर सहायता प्रदान कर सकें।
घरेलू हिंसा के मामलों पर चर्चा
सखी केंद्र की प्रभारी शमा परवीन ने बताया कि यहां आने वाले अधिकांश प्रकरण घरेलू हिंसा के होते हैं। केंद्र में परामर्श के माध्यम से सुलह का प्रयास किया जाता है। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने महिला हेल्पलाइन से संबंधित सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि ओएससी (वन स्टॉप सेंटर) से संबंधित सभी आधारभूत सुविधाएं यथाशीघ्र पूरी की जाएं और सभी कर्मियों की शीघ्र नियुक्ति हेतु विभाग से समन्वय स्थापित किया जाए।
बाल आश्रय गृह का निरीक्षण
इसके बाद, उपायुक्त ने झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था द्वारा वित्त पोषित और गैर सरकारी संस्था जनलोक कल्याण परिषद द्वारा संचालित बाल आश्रय गृह का निरीक्षण किया। चापाडांगा में स्थित इस बाल आश्रय गृह में उपायुक्त ने वहाँ की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत चलाए जा रहे स्वच्छता कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा की।
बच्चों की भोजन गुणवत्ता और सुविधाएं
उपायुक्त ने बच्चों से संबंधित कमरों, शौचालय, आवास, रसोई और अन्य परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को दी जाने वाली भोजन की गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त की। उपायुक्त ने सीसीआई में आवासित कुल 25 बच्चों से इत्मीनान से बातचीत की और उन्हें भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा दी। बच्चों ने इस अवसर पर देशभक्ति से ओत-प्रोत गानों पर प्रस्तुति भी दी, जिसे उपायुक्त ने सराहा।
शिक्षा और स्वास्थ्य की जानकारी
उपायुक्त ने बाल आश्रय गृह में रह रहे बच्चों के शिक्षा और स्वास्थ्य के विषय में जानकारी ली। उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बच्चों के माता-पिता से संपर्क करें और यह सुनिश्चित करें कि सीसीआई से वापस घर लौटे बच्चों में से कितने बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जा चुका है। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने बच्चों को दी जा रही सभी सुविधाओं के प्रति संतोष प्रकट किया और कर्मियों को बच्चों के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
वृक्षारोपण का कार्यक्रम
उपायुक्त ने निरीक्षण के पश्चात परिसर में वृक्षारोपण भी किया, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। इस अवसर पर उपायुक्त ने सभी कर्मियों को बच्चों की भलाई के लिए और अधिक सक्रियता से कार्य करने का निर्देश दिया।
उपस्थित अधिकारियों की जानकारी
इस निरीक्षण के दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ग्लाडिस बाड़ा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार, एसएमपीओ पवन कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मी, संस्था जनलोक कल्याण परिषद के सचिव सरोज कुमार झा, प्रोग्राम मैनेजर कुंदन प्रमाणिक और बाल आश्रय गृह के अधीक्षक संजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
उपायुक्त मनीष कुमार का यह निरीक्षण सखी वन स्टॉप सेंटर और बाल आश्रय गृह में सुधार और आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इन संस्थानों की गतिविधियों को सुधारने और महिलाओं एवं बच्चों के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने के लिए ठोस दिशा-निर्देश दिए।