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परमजीत कुमार/ देवघर. सावन की पहली सोमवारी से पहले बाबाधाम में कांवड़ियों की भीड़ उमड़नी शुरू हो चुकी है. उम्मीद जताई जा रही है कि रविवार की शाम तक बाबाधाम शिव भक्तों से केसरियामय हो जायेगा. सुल्तानगंज से जल से लेकर कांवडियों का जत्था देवघर पहुंच रहा है. इसी क्रम में कई आकर्षक कांवड़ भी देखने को मिल रहे हैं. कोलकाता से युवा भक्तों की एक टोली 60 किलो का कांवड़ देवघर पहुंची है. इस टोली में 20 युवा शामिल हैं. सभी बारी-बारी से कांवड़ लेकर सुल्तानगंज से देवघर तक का सफर पूरा किया हैं.
यह टोली 4 जुलाई को सुल्तानगंज से जल भरकर चली थी. कंधे पर कांवड़ लेकर बोल बम के जयघोष के साथ बाबाधाम के लिए रवाना हुई और 60 किलो के कांवड़ के साथ पांच दिनों की पैदल यात्रा कर बैद्यनाथ धाम पहुंचे हैं. कल पहली सोमवारी को ये पूजा करेंगे. टोली मेंशामिल भक्तों में उत्साह देखते ही बन रहा है. शिवभक्तों ने बताया कि देवघर की पवित्र धरती पर पैर पड़ते ही उनके कदम और तेज ही गए. सभी पीड़ा और दर्द का अनुभव समाप्त हो गया और शरीर में ठीक उसी तरह की ऊर्जा का संचार हो उठा जैसा सुल्तानगंज में गंगा जल उठाते वक्त था. उन्होंने बताया कि वे प्रत्येक साल इसी तरह के आकर्षक कांवड़ के साथ देवघर आते हैं.
क्या है 60 किलो के कांवड़ की खासियत?
कोलकाता से चलकर पहले सुल्तानगंज और फिर पैदल कांवर यात्रा कर बाबा धाम पहुंचे कांवरियों के इस जत्थे ने बताया है कि इनका कांवड़ बेहद अनोखा है. खांसा के कलश में गंगाजल भरा है और कलश के ऊपर साक्षात भगवान शिव को स्थापित किया गया है. इसके अलावा बहंगी के ऊपर तमाम तरह के रंग-बिरंगे लाइट लगाए गए हैं. जो रात के समय बेहद आकर्षक और सुंदर नजर आते हैं. इसके अलावा कांवड़ के ठीक ऊपर कंधे के करीब मोर का पंख लगाया गया है और भारी वजन की वजह से कावड़ को कोई नुकसान ना हो इसलिए इसे बेहद ही मजबूती प्रदान की गई है.
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FIRST PUBLISHED : July 09, 2023, 16:07 IST
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