पाकुड़। जिला प्रशासन ने आम जनमानस की समस्याओं के समाधान और उनके त्वरित निष्पादन को प्राथमिकता देते हुए जनता दरबार का आयोजन किया। उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आए नागरिकों ने अपनी समस्याएं रखीं।
एक-एक शिकायत पर दिया गया ध्यान
जनता दरबार में उपायुक्त ने वहां उपस्थित नागरिकों की समस्याओं को व्यक्तिगत रूप से सुना। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया गया। उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि उनकी सभी शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर जांच कर समाधान किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों को उनके मुद्दों के लिए जिला प्रशासन तक सीधी पहुंच प्रदान करना था।
शिक्षा, भूमि और अन्य मामलों पर चर्चा
जनता दरबार में शिक्षा, भूमि विवाद, डीप बोरिंग, आंगनबाड़ी सेविकाओं से संबंधित मामले प्रमुख रूप से उठाए गए। इसके अतिरिक्त, जिले के विभिन्न विभागों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी सामने आईं। उपायुक्त ने इन सभी मामलों को गंभीरता से लिया और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए निर्देश दिए।
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समाधान के लिए विभागों को दिए गए निर्देश
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी आवेदनों की भौतिक जांच की जाए और उनकी रिपोर्ट तैयार की जाए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि एक सप्ताह के भीतर सभी शिकायतों का समाधान कर अपनी प्रतिपुष्टि उपायुक्त कार्यालय को सौंपें। उन्होंने जोर दिया कि शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि नागरिकों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
जनता दरबार: प्रशासन और जनता के बीच सेतु
जनता दरबार न केवल समस्याओं के समाधान का मंच है, बल्कि यह प्रशासन और जनता के बीच संवाद का सेतु भी है। उपायुक्त ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम नागरिकों की समस्याओं को समझने और उनके त्वरित समाधान में मदद करते हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि हर शिकायतकर्ता की समस्या को गंभीरता से लिया जाएगा।
समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्धता
उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि शिकायतों के निष्पादन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की प्राथमिकता हर नागरिक को समय पर न्याय और समाधान उपलब्ध कराना है।
जिले में आयोजित जनता दरबार प्रशासन की जन-केन्द्रित कार्यशैली का उदाहरण है। इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल नागरिकों की समस्याओं को समझा गया, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाए गए। जिला प्रशासन की इस पहल से आम जनमानस को राहत मिलने की उम्मीद है।