पाकुड़। वर्ष 2024-25 के धान अधिप्राप्ति कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलको ने चयनित लैंप्स सदस्य सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को बेहतर बनाने और किसानों को राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न निर्देश दिए गए।
लैंप्स के संचालन में लापरवाही से बचने का निर्देश
बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी ने सभी लैंप्स सदस्य सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए कि धान अधिप्राप्ति के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि सभी लैंप्स नियमानुसार समय पर खुले रहें ताकि किसानों को अपने धान को संबंधित लैंप्स पर बेचने में किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
धान अधिप्राप्ति का कार्य 15 दिसंबर 2024 से शुरू होगा, और इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी लैंप्स को तैयार रहने की हिदायत दी गई।
धान की कीमत और भुगतान प्रक्रिया
बैठक में यह जानकारी दी गई कि सरकार ने धान की खरीद ₹2400 प्रति क्विंटल की दर से करने का निर्णय लिया है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। यह पहल किसानों को पारदर्शिता और विश्वास के साथ अपनी उपज बेचने में मदद करेगी। इसके साथ ही, सदस्य सचिवों को निर्देश दिया गया कि वे किसानों को इस प्रक्रिया की जानकारी दें और सुनिश्चित करें कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
किसानों को जागरूक करने का आह्वान
सदस्य सचिवों को अपने क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि किसानों के पंजीकरण को प्राथमिकता दी जाए और इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों को संबंधित कार्यालयों में समय पर जमा कराना सुनिश्चित किया जाए।
किसानों को जागरूक करने के लिए बैठक में यह भी कहा गया कि स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं ताकि धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया में किसान पूरी तरह से भागीदार बन सकें।
सभी संबंधित अधिकारी और सदस्य सचिव रहे मौजूद
इस बैठक में पाकुड़िया प्रखंड बीसीओ मनोज कुमार, हिरणपुर बीसीओ मोहन कुमार, पाकुड़ बीसीओ प्रमोद कुमार, श्रीरामपुर लैंप्स सदस्य सचिव परमेन रविदास सहित सभी चयनित लैंप्स सदस्य सचिव उपस्थित थे। सभी ने धान अधिप्राप्ति कार्य को सफल बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए।
किसानों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता
बैठक के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि लैंप्स के माध्यम से किसानों को समय पर उचित सहायता मिले और उनकी शिकायतों का शीघ्र समाधान किया जाए।
धान अधिप्राप्ति के लिए आयोजित इस बैठक ने किसानों और प्रशासन के बीच सहयोग और समन्वय को मजबूत करने का प्रयास किया। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि यदि सभी सदस्य सचिव अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे, तो यह प्रक्रिया सफल होगी और किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
धान अधिप्राप्ति कार्य के सफल क्रियान्वयन से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में सरकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित होगा।