पाकुड़: झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) पाकुड़ के तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष शेष नाथ सिंह के निर्देश और सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में विभिन्न स्थानों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। यह अभियान रहसपुर, हाटपोखर और केकेडीएम उच्च विद्यालय झिकरहट्टी समेत अन्य स्थानों पर आयोजित किया गया।
ग्रामीणों और छात्रों को झाड़-फूंक से बचने की सलाह
अभियान के दौरान पीएलवी अमूल्य रत्न रविदास, एजारूल शेख, विजय राजवंशी, मैनुल शेख, सायेम अली और याकूब अली ने ग्रामीणों और स्कूली छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो उसे चिकित्सक के पास ले जाएं। किसी भी हालत में झाड़-फूंक या तंत्र-मंत्र जैसे अंधविश्वास का सहारा न लें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की प्रथाएं केवल नुकसान पहुंचाती हैं और समाज को पीछे धकेलती हैं।
डायन प्रथा के खिलाफ कड़ा संदेश
डायन प्रथा के विषय में जागरूकता फैलाते हुए बताया गया कि किसी महिला को डायन करार देना और उसके साथ दुर्व्यवहार करना एक कानूनी अपराध है। इसके लिए कानून में कड़ी सजा का प्रावधान है। पीएलवी ने कहा कि यह प्रथा अक्सर जमीन-जायदाद के लोभ में की जाती है। उन्होंने ग्रामीणों को आगाह किया कि ऐसे अंधविश्वासों से बचें और समाज में जागरूकता लाने का प्रयास करें।
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साइबर ठगी से बचने की दी गई सलाह
अभियान में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर विशेष चर्चा की गई। ग्रामीणों और छात्रों को यह बताया गया कि साइबर ठग कई तरीकों से लोगों को झांसे में लेकर उनकी निजी जानकारी मांगते हैं। जैसे बैंक डिटेल्स, ओटीपी या अन्य गोपनीय जानकारी। पीएलवी ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश का जवाब न देने की सलाह दी।
मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में जानकारी
अभियान के दौरान डीएलएसए द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में भी जागरूकता फैलाई गई। ग्रामीणों को बताया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर, महिला, बच्चे, वृद्ध, और अन्य जरूरतमंद लोग इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए किसी भी कानूनी समस्या में डीएलएसए से संपर्क किया जा सकता है।
अंधविश्वास और अपराध के खिलाफ समाज को जागरूक बनाने की पहल
यह जागरूकता अभियान जिले के ग्रामीण क्षेत्रों और स्कूलों में जागरूकता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य अंधविश्वास, डायन प्रथा और साइबर अपराध जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से समाप्त करना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इन मुद्दों पर सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर तुरंत कानूनी मदद लें।
इस अभियान से ग्रामीणों और छात्रों में सकारात्मक संदेश गया और उन्हें समाज की कुरीतियों और अपराधों के प्रति सतर्क रहने की प्रेरणा मिली। यह पहल जिले में कानूनी जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।