पाकुड़ । उप विकास आयुक्त शाहिद अख्तर की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (ग्राo) चरण 2 के तहत क्रियान्वित की जाने वाली योजनाओं के सफल संचालन को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, ग्रामीण विकास विभाग तथा पंचायती राज विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
कार्यशाला के दौरान SLWM के तहत नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट, सॉकपीट, कम्पोस्ट पीट, गोर्वधन योजना प्लास्टिक प्रबंधन यूनिट आदि की जानकारियों के साथ ग्रामस्तर पर कितने संरचनाओं का निर्माण किया जाना है। इसके लिए आंकड़ों का संग्रह करना आवश्यक है
सोमवार को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण 2 अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल पाकुड़ के द्वारा जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन सूचना भवन सभागार पाकुड़ में किया गया। जिसमें विशेष रूप से ग्रामीण विकास विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एवं पंचायत राज विभाग के साथ चर्चा की गई।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त ने विशेष तौर पर सभी जनप्रतिनिधियों को हिदायत दी कि 15 वें वित्त आयोग मनरेगा एवं एसबीएमजी की राशि का दोहरीकरण एवं दुरुपयोग ना हो साथ ही ग्राम पंचायत विकास योजना जीपीडीपी में किन किन योजनाओं का चयन किया जाना है ग्रामसभा के माध्यम से ग्राम के सतत विकास हेतु आवश्यक योजनाओं को चयन कर आवश्यक कार्रवाई करें। टाइट एवं अनटाइट फंड का गाइडलाइन के अनुरूप इस्तेमाल करेंगे।
इस अवसर पर जिला समन्वयक सह मास्टर ट्रेनर सुमन कुमार मिश्रा इमरान आलम एवं रितेश कुमार ने संयुक्त रूप से पीपीटी के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी
इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज- ॥ वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रारंभ किया गया है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 तक सम्पूर्ण ग्राम स्तरों पर मिशन मोड में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य विभिन्न विभागों के अभिसरण यथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग तथा अन्य विभागों से किया जाना है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज 2 के तहत विभिन्न आयामों पर कार्य किया जाना है। इसी उद्देश्य के साथ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज 2 के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए संरचनाओं का आकलन कर विलेज सेनिटेशन सैचुरेशन प्लान (VSSP) तैयार किया जाना है। जिसके तहत जिला स्तर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज 2 के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए संरचनाओं का आकलन कर विलेज सेनिटेशन सैचुरेशन प्लान (VSSP) विषय पर पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गयी और प्रशिक्षण के दौरान उनके द्वारा बताया गया की निर्धारित सामयावधि में आंकड़ा संग्रह करने हेतु पंचायत स्तर के सभी हितधारकों द्वारा सक्रिय भूमिका निभाते हुए जीपी एक्शन प्लान तैयार किया जाए। साथ ही विभिन्न विभागों यथा पेयजल स्वच्छता विभाग, पंचायती राज विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के अभिशरण पर विस्तृत चर्चा की गई।
इसके अलावे उप विकास आयुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी प्रखंड के मुखिया, जल सहिया इस योजना को सफल बनाने हेतु जमीनी स्तर पर कार्य करेंगे। 20 फरवरी तक सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मियों द्वारा अभियान चलाते हुए सभी ग्रामों में जाकर वहां की संरचनाओं के आंकलन तैयार करते हुए जिला स्तरीय योजना तैयार करेंगे जिसके आधार पर कार्य किया जाएगा। कार्यशाला के दौरान जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और पंचायती राज विभाग के अभिशरण पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी महेश राम, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता राहुल श्रीवास्तव एवं सहायक अभियंता अभिजीत किशोर, सुमन मिश्रा, SLWM कॉर्डिनेटर इमरान आलम, IEC कॉर्डिनेटर रितेश कुमार, MIS कॉर्डिनेटर परियोजना पदाधिकारी डीआरडीए मोतिउर रहमान, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, कनीय अभियंता दिनेश मंडल, सहयोगी संस्था ISA सौगात फाउंडेशन पाकुड़ के अलावा प्रखंड पाकुड़ एवं हिरणपुर के सभी मुखिया उपस्थित थे।