पाकुड़ । राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष रंजीत कुमार सिंह ने व्हाट्स अप्प्स के माध्यम से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है की झारखंड की सरकार राज्य में गरीब, कमजोर वर्ग, मजदूर, आदिवासियों एवं दलित अल्पसंख्यकों को खतियान संबंधी विधेयक के बारे में दिग्भ्रमित कर रही है। बिना विधि विशेषज्ञ सलाहकारों तथा बुद्धिजीवियों बिना राय विचार-विमर्श के खतियान ई विधेयक महामहिम राज्यपाल महोदय को भेजा गया था। जिन्होंने वापस कर दिया।
रंजीत कुमार सिंह आगे कहते हैं 1932 की खतियान एनडीए ने कभी विरोध नहीं किया। हमेशा स्वागत की है। अर्जुन मुंडा के समय हेमंत सोरेन राज्य के उप मुख्यमंत्री थे। तब स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति नाम पर ही 2013 में समर्थन वापस करके सरकार गिराई थी। पुण हेमंत सोरेन 18 महीना के लिए पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। फिर भी स्थानीय नीति तथा नियोजन नीति क्यों नहीं बनाई? उस समय यूपीए सरकार राज्य तथा केंद्र में थी। उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी थे। नौवीं अनुसूची में क्यों नहीं डलवाए? सिर्फ अपना राजनीतिक चमकाने हेतु युवा बेरोजगारों को नौकरी से ध्यान भटकाने हेतु आम जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है। उनके लोग सिर्फ ठेकेदारी में व्यस्त हैं। आम जनता के दुख दर्द देखने वाला कोई नहीं है। आने वाले चुनाव में आम जनता वोट द्वारा इसका जवाब देगी।