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परमजीत कुमार/देवघर. हिन्दू धर्म में कोई कार्य करने से पहले शुभ और अशुभ समय देखा जाता है. महीने में 5 दिन पंचक रहने के कारण इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. मलमास का पंचक 2 अगस्त मध्य रात्रि के बाद से शुरू हो रहा है. जिसका असर 7 अगस्त तक रहने वाला है. मान्यता है कि इस दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है. वहीं, दक्षिण दिशा में भूल कर भी यात्रा नहीं करनी चाहिए.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुदगल ने लोकल 18 को बताया कि हिंदू धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु मुहूर्तों का महत्व है. हर महीने में पांच दिन अशुभ माना जाता है. इसे पंचक के नाम से जाना जाता है. पंचक के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य की मनाही होती है. इन दिनों अग्नि से भय, धन हानि, रोग, आर्थिक दंड और पारिवार में कलह होने की आशंका रहती है. इसलिए संभल कर रहने की जरूरत होती है. मलमास का पंचक 2 अगस्त की रात्रि 2 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रहा है. इसका असर 7 अगस्त की शाम 7 बजकर 55 मिनट तक रहने वाला है.
पंचक में ना करें ये कार्य
पंचक के दिनों मे कई कार्य वर्जित रहते हैं. भुलकर भी दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि यह यम की दिशा है. पंचक के दिनों में इस दिशा में यात्रा करने से चोट की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही इन दिनों कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करनी चाहिए. मांगलिक कार्य करने के लिए गुरु और शुक्र का मजबूत होना जरुरी होता है. पंचक के दिनों में गुरु और शुक्र मजबूत नहीं रहते. घर की छत की ढलाई नहीं करनी चाहिए. नए वस्त्र की खरीदारी ना करे. नया चारपाई (खाट) ना बनाये.
कैसे लगता है पंचक
जब चन्द्रमा का गोचर घानिष्ठा, शतभिसा, पूर्वा भातप्रद, उतरा भातप्रद, रेवती नक्षत्र में होता है. तो पंचक लगता है. इसके साथ ही जब चन्द्रमा का गोचर कुम्भ और मीन राशि में होता है. इस स्थिति में भी पंचक लगता है. पंचक की समय अवधि पांच दिन की होती है. इसलिए इसे पंचक कहा गया है.
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Tags: Local18, Religion 18
FIRST PUBLISHED : July 28, 2023, 12:17 IST
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