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दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने ऊर्जा खरीद समझौते पर दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है, जिसके बाद लोगों के बिजली बिलों में 8 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें, रिलायंस एनर्जी की कंपनी बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (BSES) ने डीईआरसी के सामने अर्जी लगाई थी।
दिल्लीवालों को महंगाई का तगड़ा झटका लगने वला है। दरअसल, दिल्ली में खाने-पीने की चीजों के बाद अब बिजली भी महंगी हो सकती है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने ऊर्जा खरीद समझौते पर दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है, जिसके बाद लोगों के बिजली बिलों में 8 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें, रिलायंस एनर्जी की कंपनी बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (BSES) ने डीईआरसी के सामने अर्जी लगाई थी। BSES की इस अर्जी को दिल्ली बिजली आयोग ने मंजूरी देते हुए पॉवर परचेज एग्रीमेंट के आधार पर दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है।
उपभोक्ताओं पर कितना असर पड़ेगा?
बिजली की बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ताओं के बिलों में शामिल होगी या नहीं इस बात का आखिरी फैसला दिल्ली सरकार लेगी। हालाँकि, पिछली बार बिजली की बढ़ी दरों का खर्च दिल्ली सरकार ने कंपनियों को खुद उठाने को कहा था। वहीं, इस बार बिजली दर बढ़ने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इसका उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ने वाला है।
दिल्ली में नया टैरिफ कानून
बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को बिजली की दरें तय करने के लिए ‘दिन के समय’ (टीओडी) का नियम लागू करने की बात कही थी। इस नियम के अनुसार, दिन के अलग-अलग समय के लिए बिजली की अलग-अलग दरें लागू होंगी। यह व्यवस्था लागू होने से बिजली की सर्वाधिक दर वाले समय (पीक ऑवर्स) में ग्राहक कपड़े धोने और खाना पकाने जैसी अधिक बिजली खपत वाले कामों से परहेज कर सकेंगे। उपभोक्ता नई व्यवस्था के तहत कपड़े धोने या खाना पकाने जैसे कार्य सामान्य कामकाजी घंटों में करते हुए अपना बिजली बिल कम कर सकेंगे।
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