पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पाकुड़ सदर के हीरानंदपुर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय हीरानंदपुर में आयोजित किया गया।
मानवाधिकार दिवस के उद्देश्य पर हुई चर्चा
इस अवसर पर डालसा सचिव अजय कुमार गुड़िया की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को मानवाधिकार दिवस मनाने के पीछे के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दिन का मुख्य मकसद लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, समाज में भेदभाव को समाप्त करना, और भाईचारे को बढ़ावा देना है।
मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने का आह्वान
सचिव ने मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए सभी से अपील की। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो और सभी को समान अधिकार प्राप्त हों। उन्होंने छात्रों को समझाया कि मानवाधिकारों का पालन करना एक नागरिक कर्तव्य है और इसे समाज में स्थापित करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
कानून और अधिकारों की जानकारी पर जोर
कार्यक्रम में कानून और मानवाधिकारों से संबंधित जानकारी भी साझा की गई। सचिव ने बताया कि कानून की जानकारी होने से हम न केवल अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी न्याय दिलाने में मदद कर सकते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने मानवाधिकारों की संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों पर प्रकाश डाला।
उपस्थित लोगों ने व्यक्त किए विचार
कार्यक्रम में पीएलवी याकूब अली और सायेम अली ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और मानवाधिकारों के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मानवाधिकार किसी भी समाज के विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहें।
मानवाधिकार जागरूकता का प्रसार
विश्व मानवाधिकार दिवस का यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज में मानवाधिकार जागरूकता और भाईचारे के महत्व को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं ने मानवाधिकारों से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समझा और यह वादा किया कि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों का पालन करेंगे।
इस तरह के कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि समाज में मानवाधिकारों का सम्मान हो और सभी को समानता और न्याय का अधिकार प्राप्त हो।