Wednesday, June 4, 2025
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पान के तेल से मालामाल होंगे यहां के किसान! 50 हजार रुपये लीटर है दाम

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मो.महमूद आलम/नालंदा. बिहार में नालंदा के इस्लामपुर में मगही पान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी, जिससे सैकड़ों परिवार का जीविकोपार्जन चलता था. लेकिन पान की खेती में अधिक मुनाफा नहीं हो पर किसान दूसरे क्षेत्र में उतर गए. इसी को देखते हुए सरकार ने अब यहां पान प्रोसेसिंग की मशीन लगाई है, जिससे पान के पत्ते से तेल निकाला जा सकेगा. बताया जाता है कि पान का तेल कई बीमारियों के लिए रामबाण है.

फिलहाल यह प्लांट इस्लामपुर के मगही पान अनुसंधान केंद्र में स्थापित किया गया है. यहां अब पान का तेल आसानी से निकाला जा सकेगा, जिसकी बाजार में अच्छे मूल्य पर काफी मांग है. बताया जाता है कि पान का तेल बाजार में 50 हजार रुपए लीटर तक बिकता है. जानकारों के अनुसार पान के पत्ते से तेल निकालने की सबसे बड़ी मशीन कोलकाता, लखनऊ के बाद बिहार के नालंदा के इस्लामपुर में है. इस मशीन को 5 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है.

पान तेल में ये हैं गुण
यह मशीन सेंट की तरह पान के पत्ते से तेल बनाती है. पान के तेल यानी सगंधीय (ऐरोमैटिक) तेल की मांग सबसे अधिक खाद्य पदार्थों में होती है. यह औषधी भी है. इसके अतिरिक्त पान में 13 प्रकार के आयुर्वेद गुण पाए जाते हैं, जो वात, पित्त, कफ, मुख शोधक, कीटाणु नाशक, स्फूर्ति वर्धक, पाचन व आहार नाल, गैस समेत कई और शारीरिक दिक्कतों को दूर करते हैं. पत्ते में अमीनो एसिड, एंटीऑक्सीडेंट के गुण हैं, जो कैंसर रोधी भी हैं.

इस्लामपुर में स्थापित होने वाली मशीन तीसरी
इस्लामपुर प्रखंड के पान अनुसंधान केंद्र में कार्यरत विजय कुमार बताते हैं कि इसकी शुरुआत 2004 में की गई थी. पान के तेल की बाजार में अच्छे मूल्य पर काफी मांग है. यह 50 हजार रुपए लीटर तक बिकता है. दावा किया कि पान के पत्ते से तेल निकालने की सबसे बड़ी मशीन कोलकाता में है, जबकि उससे छोटी मशीन लखनऊ में है. इस्लामपुर में स्थापित होने वाली मशीन तीसरी है. यह मशीन कुल 500 वर्ग मीटर जमीन में लगेगी. इसकी लागत पांच लाख के आस-पास होगी.

100 किलो पान से डेढ़ लीटर तेल
आगे बताया कि इस मशीन में एक बार में 100 किलो पान का पत्ता डाला जाता है. तीन घंटे के आसवन के बाद लगभग एक से डेढ़ लीटर पान का तेल निकलता है. तेल निकालने के बाद बचा अपशिष्ट उर्वरक के काम आएगा. इस प्लांट में दागदार, कटे-फटे पत्ते व पान की डंडियां भी काम लायक हैं, जिन्हें फेंक दिया जाता था.

Tags: Bihar News, Local18, Nalanda news, Paan Kisan

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