गांधी और शास्त्री को याद करने का अवसर
पाकुड़ – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के उपलक्ष्य में आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पाकुड़ में उनकी प्रतिमा और चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह आयोजन गांधी जी और शास्त्री जी के आदर्शों को याद करने और उनके संदेश को आम जनता तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
गांधी जी के विचार और उनका संदेश
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि महात्मा गांधी ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाई और उनका वैश्विक प्रभाव आज भी एकता और करुणा की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की के लिए भारतीयों को आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना चाहिए।
अमृत पाण्डेय ने आगे बताया कि गांधी जी का सम्पूर्ण जीवन दर्शन आज भी प्रासंगिक और जीवंत है। गांधी जी ने स्वच्छता और खादी के प्रति जागरूकता का संदेश दिया, और आजादी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे जन आंदोलन के रूप में लागू किया। सभी कार्यकर्ता अब गांधी जी के विचारों और उनके स्वच्छ भारत अभियान को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प ले रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री के आदर्श और योगदान
जिला अध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने हमेशा अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
- रेल मंत्री रहते हुए जब रेल दुर्घटना हुई, तो उन्होंने संपूर्ण जिम्मेदारी स्वीकार कर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
- देश में खाद्य वस्तुओं की कमी होने पर उन्होंने अमेरिका की दादागिरी को अस्वीकार करते हुए प्रत्येक नागरिक को एक दिन का व्रत रखने का आह्वान किया।
- उन्होंने “जय जवान, जय किसान” का नारा देकर हरित क्रांति की शुरुआत की और भारत को खाद्य आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।
पाण्डेय ने कहा कि शास्त्री जी के इन कदमों से देश की जनता का मनोबल बढ़ा और पूरे देश में एकजुटता और गर्व की भावना पैदा हुई।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोग
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और भाजपा के नेता उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख थे:
जिला महामंत्री रूपेश भगत, वरिष्ठ नेता विश्वनाथ भगत, हिसाबी राय और कई अन्य स्थानीय कार्यकर्ता। उपस्थित सभी ने गांधी और शास्त्री जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
सामाजिक और राष्ट्रीय संदेश
इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि नेताओं की जयंती केवल श्रद्धांजलि देने का अवसर नहीं, बल्कि यह देशभक्ति, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्रीय एकता के संदेश को फैलाने का भी अवसर है। उपस्थित कार्यकर्ताओं ने यह सुनिश्चित किया कि गांधी और शास्त्री जी के आदर्श और उनके शिक्षित संदेश समाज के हर वर्ग तक पहुँचें।