पाकुड़। मत्स्य पालन के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (मत्स्य प्रभाग) द्वारा जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कृषि उत्पादन बाजार समिति में आयोजित हुआ, जहां जिले के मत्स्य पालकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें जागरूक और लाभांवित किया गया।
मत्स्य पालकों के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं
कार्यशाला के दौरान मत्स्य सम्पदा योजना, बोट सब्सिडी योजना, मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, और किसान क्रेडिट कार्ड योजना जैसी योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालकों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाना और उन्हें स्वावलंबी बनाना था। विभागीय अधिकारियों ने इन योजनाओं की शर्तों, प्रक्रियाओं और लाभों को स्पष्ट किया।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए मेगा शिविर का आयोजन
कार्यशाला के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत मत्स्य पालकों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए विशेष मेगा शिविर का आयोजन किया गया। इस प्रक्रिया में जिले के मत्स्य पालकों को उनके व्यवसाय को विस्तार देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने पर जोर दिया गया।
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उपायुक्त की अपील: मछली पालन से स्वावलंबन की राह
कार्यशाला में उपस्थित उपायुक्त मनीष कुमार ने जिले के मत्स्य पालकों को संबोधित किया। उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि मछली पालन एक ऐसा क्षेत्र है जो जिले के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत और स्वावलंबी बना सकता है। उन्होंने मत्स्य पालकों से मछलियों की उचित देखभाल करने और समय पर भोजन एवं दवा देने पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
विशेषज्ञों और अधिकारियों ने साझा किए महत्वपूर्ण सुझाव
इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी और डीडीएम नाबार्ड शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने मत्स्य पालन के आधुनिक तरीकों, सरकारी सहायता और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की।
मत्स्य पालन को आत्मनिर्भरता का जरिया बनाने का प्रयास
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन को आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बनाना था। अधिकारियों और विशेषज्ञों ने मत्स्य पालकों को उनके व्यवसाय में आने वाली चुनौतियों को समझाने और उन्हें दूर करने के सुझाव दिए। इस आयोजन ने जिले के मत्स्य पालकों को नई ऊर्जा और उत्साह प्रदान किया।
इस कार्यशाला ने मत्स्य पालन को एक संगठित व्यवसाय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया और यह प्रयास भविष्य में जिले की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा।