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यादव ने कहा कि विशाल वर्मा द्वारा वन विभाग को जीवाश्म डायनासोर के अंडे और अन्य जीवाश्म दान करने के बाद 2011 में संग्रहालय शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि इसे मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण बंद कर दिया गया था।
मध्य प्रदेश के इंदौर के पास रालामंडल वन्यजीव अभयारण्य में जीवाश्म डायनासोर के अंडे और कई अन्य प्रागैतिहासिक जानवरों को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय तीन साल से अधिक समय तक बंद रहने के बाद 29 जुलाई को फिर से खुलेगा।
इंदौर के संभागीय वन अधिकारी नरेंद्र पांडवा ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि संग्रहालय को हाल ही में फिर से ठीक किया गया है और उसमें बड़े पेड़ों के जीवाश्म भी होंगे।
अधिकारी ने कहा कि आगरा-बंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित संग्रहालय में प्रवेश के लिए आगंतुकों को 10 रुपये का टिकट खरीदना होगा।
अधिकारी ने कहा कि जीवाश्म संग्रहालय का नवीनीकरण कार्य पूरा होने वाला है और यह 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस से फिर से खोला जाएगा।
जीवाश्म विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने इन संरक्षित अवशेषों को संग्रहालय को दान कर दिया है जिसमें अन्य जानवरों और प्राणियों के जीवाश्म भी शामिल हैं।पांडवा ने कहा कि संग्रहालय के फिर से खुलने से आगंतुक लाखों साल पहले नर्मदा घाटी में पाए जाने वाले जानवरों और जीवों के बारे में अधिक जान सकेंगे।
अधिकारी ने कहा कि विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा तैयार की गई विस्तृत रिपोर्ट को भी पर्यटक देख सकेंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि धार क्षेत्र में लाखों साल पहले समुद्र मौजूद था।
रालामंडल अभयारण्य के रेंज अधिकारी योगेश यादव ने कहा कि संग्रहालय का नवीनीकरण हाल ही में शुरू हुआ है।
उन्होंने कहा कि संग्रहालय फिर से खोलने की तारीख के बारे में काफी पूछताछ हो रही है।
यादव ने कहा कि विशाल वर्मा द्वारा वन विभाग को जीवाश्म डायनासोर के अंडे और अन्य जीवाश्म दान करने के बाद 2011 में संग्रहालय शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि इसे मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण बंद कर दिया गया था।
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