झारखंड में कांग्रेस की गुटबाजी और अंदरूनी कलह ने और विभत्स रूप धारण कर लिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर सार्वजनित रूप से आरोप लगाने वाले कांग्रेस के चार नेताओं साधु शरण गोप, आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और डॉ. राजेश गुप्ता को निलंबित करने के साथ पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने की तैयारी है. इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर लगाए थे आरोप
इन नेताओं में आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता पार्टी के प्रवक्ता रहे हैं. तीनों ने खुले मंच से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया था. इन्होंने झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे की भी आलोचना की थी. झारखंड कांग्रेस की अनुशासन समिति ने इन चारों नेताओं को पार्टी से निलंबन को छह साल के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा की है. अनुशंसा की प्रति झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रभारी अविनाश पांडे को भेज दी गई है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व के स्तर से लिया जाना है.
नोटिस का जवाब देने के लिए नहीं बढ़ा समय
पार्टी की ओर से इन चारो नेताओं के साथ राकेश तिवारी, सुनील सिंह अनिल ओझा यानी कुल सात लोगों को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया था. इनसे 14 दिनों के अंदर जवाब देना था. इनमें से आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने जवाब देने के लिए एक माह का समय मांगा था. कांग्रेस भवन में झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में 21 दिसम्बर को उसकी समीक्षा की गई. ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस के संविधान में नोटिस देने के बाद जवाब देने के लिए समय बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है. इन तीनों नेताओं ने नोटिस देने के बाद भी 24 दिसंबर को बोकारो में संवाददाता सम्मेलन कर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ जमकर आरोप लगाए थे.