Friday, May 16, 2025
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ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को GST पर कुछ राहत मिलने के आसार, सरकार ने दिया आश्वासन

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हाल ही में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स ( GST) काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग की पूरी वैल्यू पर 28 प्रतिशत का GST लगाने की सहमति दी थी। इसका ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने कड़ा विरोध किया था। इस इंडस्ट्री का कहना है कि टैक्स के इस भारी बोझ से उन्हें बड़ा नुकसान होगा। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से टैक्स में बढ़ोतरी पर दोबारा विचार करने का निवेदन किया था। 

इस बारे में मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी Rajeev Chandrashekhar ने सोमवार को कहा कि उनकी मिनिस्ट्री की ओर से GST काउंसिल से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 28 प्रतिशत के टैक्स के फैसले को लेकर पुनर्विचार करने का निवेदन किया जाएगा। उनका कहना था कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए सरकार एक मजबूत फ्रेमवर्क बनाने के शुरुआती दौर में है। ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी 125 से अधिक कंपनियों ने सरकार से कहा था कि 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने से फैसले के बाद इस सेक्टर को बड़ा नुकसान होगा और इससे बड़ी संख्या में छंटनी हो सकती है।   

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की एंटरप्राइज वैल्यू लगभग 20 अरब डॉलर की है। इस इंडस्ट्री का रेवेन्यू लगभग 2.5 अरब डॉलर का है। GST काउंसिल का मानना है कि ‘गेम ऑफ स्किल’ और ‘गेम ऑफ चांस’ के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की पिछली मीटिंग में इन एक्टिविटीज पर प्रस्तावित टैक्स को लेकर सहमति बनी थी लेकिन ऑनलाइन गेमिंग पर GoM की पूरी तरह सहमति नहीं थी क्योंकि गोवा ने ऑनलाइन गेमिंग की प्लेटफॉर्म फीस पर केवल 18 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रपोजल दिया था। यह स्पष्ट किया गया है कि इन कंपनियों पर पिछली तारीख से बढ़ा हुआ टैक्स लागू नहीं किया जाएगा। GST काउंसिल की 50वीं मीटिंग में सिनेप्लेक्स में रेस्टोरेंट्स पर टैक्स घटाने की घोषणा की गई थी। यह 18 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत हो गया है। 

बड़ी ऑनलाइन गेमिंग फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाली FICCI की गेमिंग कमेटी ने CBIC से ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स नहीं बढ़ाने का निवेदन किया था। इसका कहना था कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को इससे बड़ा नुकसान होगा क्योंकि कोई कारोबार इतने भारी टैक्स के साथ नहीं चल सकता। देश में सर्विसेज देने वाली विदेशी ऑनलाइन गेमिंग फर्मों को भी इलेक्ट्रॉनिक्स मिनिस्ट्री की ओर से बनाए गए रेगुलेशंस का पालन करना होगा और इन फर्मों के लिए देश में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो सकता है। 
 

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