Thursday, November 28, 2024
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मनुव्वर राणा के साथ कर मंच कर चुके हैं साझा, आज घर में हुए बेगाने

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गौरव सिंह/भोजपुर. आरा के मशहूर शायर है शौकत सबा कैफी. 1970 से लगतार अभी तक शायरी की दुनिया में अपनी एक अलग और विशेष पहचान बनाएं है. वर्तमान समय में भोजपुर के इकलौते ऐसे शायर हैं शौकत सबा कैफ़ी, जो मनुव्वर राणा जैसे दिग्गज शायर के साथ मंच साझा कर चुके हैं. साथ ही बिहार एकेडमी के द्वारा दो गजल की किताब भी पब्लिश की जा चुकी है.आकाशवाणी पर कई बार प्रोग्राम तो हुआ ही है बहुत जल्द दूरदर्शन चैनल पर भी शौकत सबा कैफ़ी साहब का प्रोग्राम टेलीकास्ट होने वाला है.

छात्र समय से कर रहे शेरो-शायरी

लोकल 18 से खास बातचीत में शौकत सबा कैफ़ी ने बताया कि 1970 के आसपास से छात्र जीवन मे ही शायरी करना शुरू कर दिए थे. 1974 में पहली बार आकाशवाणी पर मेरे शायरी को रिकॉर्ड किया गया और ब्रॉडकास्ट किया गया तब से सिलसिला जारी है. अब तो समय के साथ उम्र भी बढ़ चुकी है फिर भी किसी महफ़िल में सम्मान के साथ बुलाया जाता है तो जाता हूं.

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कई उपलब्धियां हुई हैं हासिल

शौकत सबा कैफ़ी भोजपुर के मशहूर शायर ने बताया कि 1974 से ले कर अब तक शायरी करते आ रहे है इस दौरान एक बार आल इंडिया मुसैरा में मंच साझा करने का अवसर मिला था. जहां देश के बड़े बड़े मशहूर शायर आये थे. जिसमें मुनव्वर राना साहब भी पहुंचे थे. उस मंच पर शायरी करने का मौका मिला. उसके बाद सज्जर-सज्जर नाम का एक ग़ज़ल किताब भी बिहार एकेडमी के द्वारा पब्लिश्ड कराया गया. दूसरी किताब लहू की सदा गजल की किताब लिखी जा चुकी है, पब्लिश्ड होने वाली है. इसके अलावे बिहार और देश के विभिन्न हिस्सा में शायरी की महफ़िल में शौकत अली कैफ़ी मुसैरा पेश करते आये है.

पेशे से शिक्षक लेकिन मिजाज से शायर रहे है

शौकत अली कैफ़ी शायरी के साथ बिहार सरकार में शिक्षक के पद पर नौकरी करते आये है. 2015 में शिक्षक से सेवानिवृत्त हुए है लेकिन शायरी की दुनिया मे अभी भी जगह बरकरार है. शौकत अली कैफ़ी शिक्षक के दौरान बिहार परियोजना विभाग में लंबे समय तक देवा दिए. इस दौरान एनसीआरटी और एसआरटी किताब लिखने वाली संस्था में भी काम करते है आये हैं. इनकी लिखी हुई कविता एनसीआरटी के उर्दू किताब में भी बच्चों को पढ़ने को मिलती है.

जिला प्रसाशन द्वारा सम्मान में उदासीनता

जिस तरह शायर देश और शायरी के महफ़िल में खुद के बदौलत बिहार और भोजपुर के नाम को रौशन करते हैं, उस हिसाब से कभी जिला प्रसाशन और राज्य सरकार द्वारा एक शायर के रूप में कभी सम्मानित नहीं किया गया है.

Tags: Bhojpur news, Bihar News, Local18

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