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गुलशन कश्यप/जमुई. स्ट्रीट फूड के मामले में चाट काफी फेमस है और बिहार के लोग चाट खाने के शौकीन भी हैं. मगर बाजारों में कई प्रकार के मसालों से लैस चाट मिलती है, जिस कारण ज्यादातर लोग बाहर का खाना पसंद नहीं करते हैं. लेकिन जमुई में चाट की एक ऐसी दुकान है, जिसकी अपनी एक अलग ही पहचान है. यहां चाट में बाहरी मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और ना हीं ऊपर से अत्यधिक मसाले डाले जाते हैं. जिस कारण इस दुकान में लोग बड़े ही चाव से चाट खाने आते हैं और पूरे दिन यहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है. अगर आप भी बिना मसालों वाली चाट खाने के शौकीन हैं तो आप इस दुकान पर आकर चाट खा सकते है.
जमुई जिला मुख्यालय के जय हिंद धर्मशाला के पास बने गोपाल चाट भंडार नामक इस दुकान की खासियत सिर्फ इसके चाट से ही नहीं बल्कि पीपल के पेड़ से भी है. दरअसल, यह दुकान एक बहुत पुरानी पीपल के पेड़ के नीचे बनी हुई है और पिछले 34 साल से एक ही जगह पर चलाई जा रही है. जिस कारण इसकी पहचान पीपल के पेड़ से भी होती है. अगर आप जुमई में किसी से चाट खाने के लिए पूछेंगे तो लोग आपको यह कहते हुए दिख जाएंगे कि पीपल के पेड़ के नीचे वाली दुकान की चाट खा लीजिए मजा आ जाएगा.
रोजाना होती है 60 किलो आलू की खपत
इस दुकान में प्रतिदिन 250 से 300 प्लेट चाट की बिक्री की जाती है और इसमें बनने वाले समोसे के लिए रोजाना 60 किलो आलू की खपत होती है. दुकानदार छोटू कुमार ने बताया कि साल 1989 में उनके दादा ने हीं यह दुकान शुरू की थी और तब से यह दुकान लगातार परंपरागत रूप से उनके परिवार के लोग चलाते हैं. खासकर के छोटू के पिता ने पूरे दुकान को बढ़ाया है और उनके कारण ही इस दुकान को इतनी प्रसिद्धि मिली है. छोटू ने बताया कि एक प्लेट चाट की कीमत 20 से लेकर 30 रुपए की होती है और बाजार आने वाले लोग अक्सर बड़े चाव से चाट खाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 03, 2023, 10:10 IST
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